RBI द्वारा रेपो रेट में बदलाव न करने पर बोला उद्योग जगत, कहा- अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा फैसला

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Dec, 2020 02:27 PM

rbi did not change the rates know what the experts said

भारतीय उद्योग जगत और विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक पुनरुद्धार को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों ने रिजर्व बैंक से निकट भविष्य में नीतिगत

बिजनेस डेस्कः भारतीय उद्योग जगत और विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक पुनरुद्धार को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों ने रिजर्व बैंक से निकट भविष्य में नीतिगत रुख नरम बनाए रखने की भी उम्मीद जाहिर की। 

रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर को देखते हुए शुक्रवार को लगातार तीसरी बैठक में नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखा। रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था तेजी से वापसी कर रही है और इसी तिमाही में वृद्धि की राह पर लौट आएगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि रेपो दर चार प्रतिशत पर यथावत रहेगी। इससे पहले जनवरी से अगस्त के दौरान रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती जा चुकी है। 

RBI द्वारा लिया गया निर्णय सही 
उद्योग एवं वाणिज्य संगठन फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही को लेकर पूर्वानुमान में पर्याप्त सुधार हुआ है। यह उत्साहजनक है लेकिन अर्थव्यवस्था को कोविड-19 ने जिस तरह से प्रभावित किया है, उसे देखते हुए हम आरबीआई और सरकार दोनों से नीतिगत समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं।'' सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि वृद्धि की गति को बढ़ावा देने के लिए सहारे की जरूरत को देखते हुए यह आरबीआई द्वारा लिया गया सही निर्णय है। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई वित्तीय बाजारों में पर्याप्त तरलता की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी साधनों का उपयोग करने की इच्छा से उद्योग को बढ़ावा दे रहा है।'' 

रेपो रेट 4% पर बरकरार
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति की चुनौतियों को देखते हुए, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आरबीआई-एमपीसी ने रेपो दर को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। हमें ब्याज दर के रुख के संबंध में एमपीसी की सराहना करनी चाहिए।'' पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि रिजर्व बैंक के वृद्धि अनुमान, जैसे कि इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी के वृद्धि की राह पर लौट आने और पूरे वित्त वर्ष के दौरान गिरावट कम होकर 7.5 प्रतिशत रहने, प्रेरक हैं। इनसे आने वाले समय में आर्थिक व व्यावसायिक गतिविधियों में भरोसे का निर्माण होगा।

फिडेलिटी इंटरनेशनल इंडिया अनुसंधान निदेशक नितिन शर्मा ने कहा कि जब तक जरूरत हो तब तक नरम रुख को जारी रखने की एमपीसी की घोषणा और तथा पुनरुद्धार की राह में सुधार की बात से बाजार को राहत मिलेगी। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट के डिप्टी प्रबंध निदेशक एवं निवेश प्रमुख आशीष शंकर ने कहा कि तरलता को लेकर नरम रुख से यह सुनिश्चित होगा कि नकदी की उपलब्धता को लेकर कोई चुनौती नहीं आने वाली है। 

आरबीआई का फैसला अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा 
जेएलएल के सीईओ एवं कंट्री हेड (इंडिया) रमेश नायर ने कहा कि आरबीआई का फैसला अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है। रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के रणनीति प्रमुख मयूर द्विवेदी ने कहा कि आरबीआई का फैसला कोविड-19 महामारी के बाद की वृद्धि पर केंद्रीय बैंक के ध्यान को पुनर्जीवित करता है। 
 

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