Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jun, 2022 11:07 AM
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि गूगल और अमेजन जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के वित्तीय कारोबार में आने से जोखिम बढ़ जाएगा। कर्जदार के स्तर पर ज्यादा कर्ज लेने और उसे न चुका पाने जैसी व्यवस्थागत चिंताएं पैदा हो सकती हैं। गूगल, अमेजन, फेसबुक...
बिजनेस डेस्कः आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि गूगल और अमेजन जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के वित्तीय कारोबार में आने से जोखिम बढ़ जाएगा। कर्जदार के स्तर पर ज्यादा कर्ज लेने और उसे न चुका पाने जैसी व्यवस्थागत चिंताएं पैदा हो सकती हैं। गूगल, अमेजन, फेसबुक (मेटा) जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के वित्तीय कारोबार में आने से प्रतिस्पर्धा और डाटा की निजता को लेकर भी सवाल खड़े हो जाएंगे।
दास ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा, इन कंपनियों के साथ जोखिम जुड़े हैं। इसका उचित आकलन करना और निपटना जरूरी है। इनमें शामिल ई-कॉमर्स कंपनियों, सर्च इंजन और सोशल मीडिया मंचों ने अपने स्तर पर या साझेदारी से बड़े स्तर पर वित्तीय सेवाओं की पेशकश शुरू की है। ऐसे में कर्ज के आकलन के नए तरीकों का इस्तेमाल होने लगा है। नए तरीकों का इस तरह बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने से अत्यधिक कर्ज, अपर्याप्त कर्ज आकलन व कुछ इसी प्रकार के जोखिमों की व्यवस्थागत चिंता पैदा हो सकती है।
पेमेंट विजन का लक्ष्य डिजिटल भुगतान 3 गुना बढ़ाना
आरबीआई ने ‘पेमेंट विजन 2025’ दस्तावेज जारी किया। इसका लक्ष्य डिजिटल भुगतान में तीन गुना वृद्धि करना है। केंद्रीय बैंक डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा और नकदी के चलन को कम करने पर जोर देगा। विजन दस्तावेज का उद्देश्य हर यूजर को सुरक्षित, तेज, सुविधाजनक, सुलभ, किफायती ई-भुगतान विकल्प देना है।