Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Nov, 2019 04:13 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सरकारी बैंकों के लिए डूबे हुए कर्ज (एनपीए) को सबसे बड़ी परेशानी बताया है। उन्होंने कहा है कि हाल में 3 राज्यों ने बैंकों की ओर से की गई कर्ज माफी की रकम का भुगतान कर दिया है। साथ ही पावर...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सरकारी बैंकों के लिए डूबे हुए कर्ज (एनपीए) को सबसे बड़ी परेशानी बताया है। उन्होंने कहा है कि हाल में 3 राज्यों ने बैंकों की ओर से की गई कर्ज माफी की रकम का भुगतान कर दिया है। साथ ही पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने भी बैंकों का कर्ज सही समय पर लौट दिया है।
सरकार उठाएगी कदम
बता दें कि बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स का असर सरकारी बैंकों के मुनाफे पर भी साफ दिख रहा है। सरकारी बैंकों की ग्रोथ में 5 से 8 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं प्राइवेट सैक्टर बैंक की ग्रोथ 14 फीसदी से 22 फीसदी हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बताया कि सरकार को-ऑपरेटिव बैंकों को रेग्युलेट करने के लिए कदम उठाने जा रही है।
बैंकों के साथ होगी वित्त मंत्री की बैठक
वित्त मंत्री ने कहा, अगले सप्ताह बैंकों के साथ बैठक बुलाई गई है। सभी बैंकों से आंकड़े मंगवाए गए हैं। रिजर्व बैंक से भी इस बारे में जानकारी मांगी गई है। तभी इस संबंध में स्पष्ट तौर पर जानकारी प्राप्त हो सकेगी। वित्त मंत्री ने कहा हम नहीं चाहते कोई कंपनी अपना कामकाज बंद करे। हम चाहते हैं कि कोई भी कंपनी हो वह आगे बढ़े। गौरतलब है कि दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों वोडाफोन आइडिया और एयरटेल ने दूसरी तिमाही के परिणाम में भारी घाटा दिखाया है।