Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 May, 2019 12:43 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) के तहत होम लोन की लिमिट बढ़ा दी है। अब ज्यादा होम लोन लेने पर ब्याज दर अधिक नहीं होगी। आरबीआई ने इस संबंध में बैंकों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) के तहत होम लोन की लिमिट बढ़ा दी है। अब ज्यादा होम लोन लेने पर ब्याज दर अधिक नहीं होगी। आरबीआई ने इस संबंध में बैंकों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
क्या है बदलाव
आरबीआई के इस फैसले के तहत मेट्रो शहरों (जिनकी जनसंख्या 10 लाख और उससे ज्यादा है) के लिए 35 लाख रुपए की लोन सीमा हो जाएगी। इससे पहले इन शहरों के लिए 28 लाख रुपए तक के ही लोन की लिमिट थी। हालांकि इसकी शर्त यह है कि मकान की कुल लागत 45 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसी तरह जिन इलाकों की आबादी 10 लाख से कम है वहां के लिए आरबीआई ने बैंकों को यह सीमा 25 लाख रुपए तक करने का निर्देश दिया है जो पहले 20 लाख रुपए थी। यहां की शर्त यह है कि मकान की कुल लागत 30 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
बदलाव का क्या मतलब
देश के विकास में योगदान के लिए बैंकों को आरबीआई की तरफ से एक लक्ष्य दिया जाता है। इसके तहत उन्हें तय सेक्टर्स को रियायती दरों पर लोन देना होता है। इसे ही पीएसएल कहते हैं। नए फैसले के बाद अगर आप घर खरीद रहे हैं तो इस मूल्य सीमा के अंदर घर खरीदने पर ही होम लोन PSL के दायरे में आएगा। यानी सीधे शब्दों में मेट्रो शहरों में 35 लाख रुपए तक के लोन पर ब्याज दरों में रियायत मिलेगी।
आठ सेक्टर में कम रखी जाती है ब्याज दर
आरबीआई के मुताबिक PSL कैटेगरी में 8 सेक्टर शामिल हैं। इसमें हाउसिंग, कृषि, शिक्षा, छोटे उद्योग, निर्यात कर्ज समेत अन्य शामिल हैं। आसान भाषा में समझें तो इस श्रेणी के तहत बड़ी आबादी वाले और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों से संबंधित सेक्टर शामिल किए गए हैं। बता दें कि PSL के तहत दिए जाने वाले लोन के लिए आरबीआई समय-समय पर ब्याज दरों की घोषणा करता रहता है। इसके आधार पर ही लोन दिए जाते हैं। खास बात यह है कि PSL के दायरे में आने वाले लोन की ब्याज दर अपेक्षाकृत कम होती है।