Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jun, 2019 02:05 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक कोटक महिंद्रा बैंक पर 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते कोटक महिंद्रा बैंक पर जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने मार्च में कोटक महिंद्रा बैंक...
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक कोटक महिंद्रा बैंक पर 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते कोटक महिंद्रा बैंक पर जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने मार्च में कोटक महिंद्रा बैंक को निर्देश दिया था कि वह अपने प्रमोटर्स के शेयरों की डिटेल जानकारी दें। साथ ही, कोटक बैंक बताएं कि प्रमोटर्स कैसे तय सीमा में अपने हिस्सेदारी घटाएंगे। इन सभी निर्देशों को नहीं मानने के चलते RBI ने ये जुर्माना लगाया है।
क्या है मामला
कोटक महिंद्रा बैंक को RBI ने बैंकिंग लाइसेंस देते वक्त यह शर्त थी कि प्रमोटर को एक निश्चित समय अवधि में अपनी शेयर होल्डिंग घटानी होगी। आरबीआई की ओर से कई बार यह समय सीमा बढ़वाई गई लेकिन फरवरी 2017 में आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक को एक टाइमलाइन दी जिसमें प्रमोटर की शेयर होल्डिंग घटाई जानी है। इसके तहत दिसंबर तक उदय कोटक को अपनी शेयर होल्डिंग घटा कर 20 फीसदी करनी होगी।
कोटक महिंद्रा बैंक के जवाब से RBI संतुष्ट नहीं हुआ
आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक से कहा था कि वह प्रमोटरों की शेयरहोल्डिंग 31 दिसंबर 2018 तक घटाकर पेड-अप कैपिटल के 20 प्रतिशत पर ले आए और 31 मार्च 2020 तक इसे 15 फीसदी तक लाए। 31 दिसंबर 2018 तक केएमबी के वाइस चेयरमैन और एमडी उदय कोटक की इसमें हिस्सेदारी 29.72 फीसदी थी। उदय कोटक बैंक के प्रमोटर हैं, कोटक महिंद्रा बैंक मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से दूसरा बड़ा प्राइवेट बैंक है।
वहीं कोटक महिंद्रा बैंक ने आरबीआई को यह प्रस्ताव दिया था कि प्रमोटर होल्डिंग घटाकर 19.7 प्रतिशत करने के लिए उसे नॉन-क्युमुलेटिव प्रेफरेंस शेयर जारी करने की इजाजत दी जाए। बैंक ने आरबीआई के इस मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट में चैलेंज किया था।