Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Aug, 2019 11:31 AM
मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक आरबीआई ब्याज दरों में 0.40% की और कटौती कर सकता है। रेटिंग एजेंसी फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए मौद्रिक नीतियों के सफल न होने के कारण आरबीआई दरों में और कटौती कर सकता है।
नई दिल्लीः मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक आरबीआई ब्याज दरों में 0.40% की और कटौती कर सकता है। रेटिंग एजेंसी फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए मौद्रिक नीतियों के सफल न होने के कारण आरबीआई दरों में और कटौती कर सकता है।
आरबीआई ने 7 अगस्त को रेपो रेट में 0.35% की कटौती की थी। देश में ब्याज दरों को लेकर फिच ने रिपोर्ट में कहा है कि ब्याज दरों में की गई कटौती अभी तक आर्थिक विकास दर को सहारा देने में सफल नहीं हुई है। इस कारण आरबीआई इसमें और कटौती कर सकता है।
रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई से बैंकों को कर्ज मिलता है। इसमें कमी से बैंकों पर भी लोन सस्ता करने का दबाव बढ़ता है। हालांकि, आरबीआई इस साल रेपो रेट में 1.10% कमी कर चुकी है लेकिन बैंकों ने ग्राहकों को पूरा फायदा नहीं दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास इस बारे में बैंकों से कह भी चुके हैं।