Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Feb, 2022 12:20 PM
सरकारी उधारी बढ़ने के कारण आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अतिरिक्त नकदी जुटाने के लिए रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि रेपो दर में बदलाव का अनुमान नहीं है। केंद्रीय बैंक इसी दर पर उधार देता है।
नई दिल्लीः सरकारी उधारी बढ़ने के कारण आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अतिरिक्त नकदी जुटाने के लिए रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि रेपो दर में बदलाव का अनुमान नहीं है। केंद्रीय बैंक इसी दर पर उधार देता है।
ब्रिटेन की ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज के विश्लेषकों ने अगले सप्ताह होने वाली एमपीसी की बैठक से पहले कहा, ओमीक्रॉन के प्रकोप व अपेक्षाकृत अनुकूल महंगाई के बीच आरबीआई के पास वृद्धि को समर्थन देने वाली मौद्रिक नीति को बनाए रखने के लिए गुंजाइश है।
केंद्रीय बैंक अपने नकदी प्रबंधन उपायों के मद्देनजर रिवर्स रेपो दर में 0.20- 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। इसके अलावा भी कई विश्लेषकों ने रिवर्स रेपो दर में वृद्धि का अनुमान जताया में है। उनका कहना है कि सरकारी उधारी में बढ़ोतरी के कारण केंद्रीय बैंक नीति सामान्यीकरण की ओर बढ़ सकता है। बैठक के नतीजे 9 फरवरी को आएंगे।