Edited By Isha,Updated: 05 Feb, 2019 11:53 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए इस सप्ताह के अंत में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत तक कटौती कर सकता है। एसबीआई रिसर्च ने सोमवार को यह बात कही। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की तीन
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए इस सप्ताह के अंत में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत तक कटौती कर सकता है। एसबीआई रिसर्च ने सोमवार को यह बात कही। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू होगी और दरों की घोषणा सात फरवरी को होगी। एसबीआई इकोरैप ने कहा, रिजर्व बैंक के फरवरी में अपने रुख में बदलाव करने की उम्मीद है हालांकि, दरों में वृद्धि करने की संभावना कम ही है। दरों में पहली कटौती अप्रैल 2019 में की जा सकती है। अगर बैंक सात फरवरी को दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करता है तो हमें हैरानी नहीं होगी।
रिजर्व बैंक की नीतिगत दर (रेपो) अभी 6.50 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने 1 अगस्त 2018 को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत बढा कर 6.50 प्रतिशत किया था। इसी दर पर वह बैंकों को एक दिन के लिए उधार देता है। इसके बढऩे से बैंकों का कर्ज महंगा हो जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दरअसल इस बात के कुछ कारण है, जिसे देखकर लगता है कि आरबीआई कटौती कर सकता है। पहला प्रमुख मुद्रास्फीति अब भी नीचे स्तर पर बनी हुई और वृद्धि दर नरम है दूसरा, जनवरी में ऋण वृद्धि में दूसरे पखवाड़े में गिरावट आई है। केंद्रीय बैंक ने पिछली तीन मौद्रिक समिति बैठक में नीतिगत दर को अपरिर्वितत रखा है। इससे पहले इस वित्त वर्ष में दो बार 0.25-0.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।