मुद्रास्फीति में नरमी: मौद्रिक नीति समिति फरवरी में अपना सकती है उदार रुख

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jan, 2019 04:23 PM

rbi may take dovish stance in feb policy with softer inflation

खुदरा और थोक मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति अपनी अगली बैठक में नीतिगत ब्याज दर के बारे में अपना रुख नरम कर सकती है। वित्तीय सेवा क्षेत्र के बारे में एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।

मुंबईः खुदरा और थोक मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति अपनी अगली बैठक में नीतिगत ब्याज दर के बारे में अपना रुख नरम कर सकती है। वित्तीय सेवा क्षेत्र के बारे में एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। आरबीआई ने अभी मौद्रिक नीति के बारे में ‘नाप-तोल कर सख्ती’ करने का रुख अपना रखा है। कोटक की अनुसंधान रिपोर्ट का कहना है कि मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति के और नरम पडऩे के बाद अपने रुख को ‘तटस्थ’ कर सकती है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर दिसंबर में गिर कर 2.19 प्रतिशत पर आ गई थी जो एक माह पहले 2.33 प्रतिशत और दिसंबर 2017 में 5.21 प्रतिशत थी। यह खुदरा मुद्रास्फीति का 18 माह का न्यूनतम स्तर है। इसी तरह थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति भी दिसंबर में 3.80 प्रतिशत पर आ गई। यह इसका आठ माह का न्यूनतम स्तर है। इससे एक माह पूर्व थोक मुद्रास्फीति 4.64 प्रतिशत और दिसंबर 2017 में 3.58 प्रतिशत थी। रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति के निर्धारण में खुदरा मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। यह लगातार पाचवां माह है जबकि यह 4 प्रतिशत से नीचे है। रिजर्व बैंक के सामने इसे चार प्रतिशत के आसपास बनाए रखने का लक्ष्य दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति की नरमी को देखते हुए ‘‘हमारा यह ठोस मत है कि फरवरी की बैठक में मुद्रा स्फीति समिति अधिक उदार रुख अपनाएगी और अपने नीतिगत रुख को‘‘ नाप तोल कर कठोर करने’’ की जगह ‘तटस्थ’ कर सकती है। 

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