Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Aug, 2020 03:37 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee- MPC) की बैठक आज यानि 4 अगस्त से शुरू हो गई है। बैठक में नीतिगत दरों पर फैसला किया जाएगा। MPC की यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब कोरोना वायरस से प्रभावित भारतीय...
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee- MPC) की बैठक आज यानि 4 अगस्त से शुरू हो गई है। बैठक में नीतिगत दरों पर फैसला किया जाएगा। MPC की यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब कोरोना वायरस से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था को रिवाइव करने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है। गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अगुवाई में होने वाली बैठक में लोगों को पता चलेगा कि लोन की ईएमआई को लेकर क्या फैसला लिया जाता है। MPC की बैठक में लिए गए फैसलों का एलान 6 अगस्त को किया जाएगा। जिसका सभी को इंतजार है।
वहीं, उद्योग मंडल कॉरपोरेट लोन रिस्ट्रक्चरिंग (Corporate loan restructuring) की मांग कर रहे हैं। हालांकि, इस सप्ताह होने वाली बैठक में ब्याज दरों (Interest rate) में कटौती की संभावना को लेकर विशेषज्ञों एकमत नहीं है। उनका मानना है कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए मौजूदा परिस्थितियों में कॉरपोरेट लोन रिस्ट्रक्चरिंग ज्यादा आवश्यक है।
खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी के पार
कोरोना वायरस से हुए लॉकडाउन के कारण मांग में कमी के बावजूद मांस, मछली, खाद्यान्न और दालों की कीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया है। इसी के तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (Retail inflation) जून में 6.09 प्रतिशत पर पहुंच गई। अब RBI पर महंगाई दर को काबू में रखने का अतिरिक्त दबाव है। वहीं RBI को केंद्र सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति दर 0.4 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति निर्धारित करते समय मुख्य रूप से CPI पर गौर करता है। फिक्की (FICCI) अर्थशास्त्रियों की मानें तो खुदरा मंहगाई दर बढने के कारण RBI के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ पर फोकस करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
कई बैंकों ने घटाई हैं ब्याज दरे
भारतीय स्टेट बैंक शोध की रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में भी बताया जा चुका है कि फरवरी के बाद से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती की गई है। इसके साथ बैंकों ने भी नए कर्ज पर 0.72 प्रतिशत तक ब्याज को सस्ता किया है। इसमें से कुछ बैंक ऐसे हैं जिन्होंने 0.85 प्रतिशत तक का लाभ ग्राहकों को दिया है। फिलहाल कुछ बैंक विशेषज्ञों का मानना है कि RBI इस बार भी ब्याज दरों में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।