Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Dec, 2018 10:52 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, वृहद आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुख और रुपए की चाल से इस सप्ताह बाजार की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों ने यह बात कही।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, वृहद आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुख और रुपए की चाल से इस सप्ताह बाजार की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े भी आने हैं, जो बाजार धारणा को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा शुक्रवार को जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों का भी बाजार पर असर दिखाई देगा।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दो साल की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद देश की आर्थिक वृद्धि दर सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में धीमी पड़कर 7.1 प्रतिशत रह गई। पहली तिमाही के मुकाबले खपत मांग में कमी और कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन में नरमी के रुझान से वृद्धि दर में कमी रही। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक अपनी 5वीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत दर पर फैसला लेगा। इसका भी बाजार पर असर होगा। यह बैठक 3 दिसंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर को समाप्त होगी।
विशेषज्ञों ने कहा कि आर्थिक वृ्िद्ध दर में नरमी और मुद्रास्फीति में कमी के बावजूद आरबीआई नीतिगत दर पर यथास्थिति कायम रख सकता है अर्थात् वह दर में वृद्धि नहीं करेगा। जियोजित फाइनेंशियल र्सिवसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'निवेशकों की नजर जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और चीन के बीच होने की बैठक के नतीजों और तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक की आगामी बैठक पर होगी। ओपेक की बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के संकेत मिल रहे हैं।' एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आने है, इससे भी बाजार में अनिश्चितता है। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1,213.28 अंक यानी 2.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ शुक्रवार को 36,194.30 अंक पर बंद हुआ।