Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 May, 2018 08:52 AM
डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही कमजोरी को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) करंसी मार्कीट में कूद गया यानी कि लुढ़के रुपए को थामने के लिए आर.बी.आई. ने दौड़ लगा दी। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 15 महीनों में पहली बार 67 को पार कर गया।
मुंबईः डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही कमजोरी को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) करंसी मार्कीट में कूद गया यानी कि लुढ़के रुपए को थामने के लिए आर.बी.आई. ने दौड़ लगा दी। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 15 महीनों में पहली बार 67 को पार कर गया। ट्रेड गैप के बढ़ने और क्रूड ऑयल की महंगी कीमतों से इम्पोर्ट बिल में वृद्धि रुपए में गिरावट के बड़े कारण हैं।
कुछ सरकारी बैंकों को आक्रामक तरीके से डॉलर की खरीदारी करते देखा गया। मार्कीट डीलर्स ने कहा है कि यह डॉलर के बदले रुपए में कमजोरी को रोकने की आर.बी.आई. की स्ट्रैटेजी का हिस्सा है। पिछले 3 महीनों में एक दर्जन एशियाई देशों की करंसी के बीच रुपए ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। यह इस अवधि में डॉलर के मुकाबले 4 प्रतिशत से अधिक कमजोर हुआ है।
डीलर्स ने बताया कि आर.बी.आई. ने सोमवार को स्पॉट मार्कीट के साथ ही फ्यूचर्स मार्कीट में भी लगभग 80 करोड़ डॉलर की खरीदारी की। इस बारे में आर.बी.आई. को भेजी गई ई-मेल का जवाब नहीं मिला। करंसी मार्कीट ने आर.बी.आई. की ओर से इस तरह का बड़ा कदम लंबे समय बाद देखा है। ऐसा न होने पर रुपया और टूट सकता था क्योंकि इसे कमजोर करने वाले कारणों में कमी नहीं आई है।