Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jun, 2018 06:23 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक दूसरे दिन भी जारी रही। इस बीच अटकलें लगाई जा रही है कि केंद्रीय बैंक कच्चे तेल
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक दूसरे दिन भी जारी रही। इस बीच अटकलें लगाई जा रही है कि केंद्रीय बैंक कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से प्रेरित मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों में वृद्धि से पहले अगस्त तक इंतजार कर सकता है।
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एमपीसी की बैठक 3 दिन चलेगी। आमतौर पर यह बैठक 2 दिन होती है लेकिन प्रशासनिक अनिवार्यताओं के चलते पहली बार एमपीसी की बैठक 3 दिन चलेगी। यह चालू वित्त वर्ष (2018-19) की दूसरी मौद्रिक समीक्षा बैठक है। इसके नतीजे कल दोपहर को सार्वजनिक होंगे।
रिजर्व बैंक ने इससे पहले जनवरी 2014 में नीतिगत दर को बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया था। तब से इसमें या तो कमी की गई या फिर इसे स्थिर रखा गया। वर्तमान में प्रमुख नीतिगत दर रेपो 6 प्रतिशत पर है। ब्रोकर फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि हमें 2018-19 में नीतिगत दर में 50 आधार अंक यानी 0.5 प्रतिशत की उम्मीद है। ऐसा अगस्त और अक्तूबर में संभव है लेकिन जून में नीतिगत दरों में वृद्धि की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए हमारा मानना है कि जून बैठक में एमपीसी के वोट संतुलित रह सकते हैं।
समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने और इस साल मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी होने के बाद से रिजर्व बैंक की प्रमुख नीतिगत दर में कटौती को लेकर जो जोरदार मांग उठाई जाती रही है वह सुस्त पड़ गई। रिजर्व बैंक के लिए खुदरा मुद्रास्फीति काफी अहम आंकड़ा है। नवंबर 2017 के बाद से यह 4 प्रतिशत से ऊपर बना हुआ है। इसके अलावा कच्चे तेल के दाम भी बढ़ रहे हैं। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 77.83 रुपए और डीजल का दाम 68.88 रुपए लीटर पर पहुंच गया।