Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jun, 2021 04:20 PM
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई। उम्मीद जताई जा रही है कि एमपीसी कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के कारण नीतिगत दरों में यथास्थिति बरकरार
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई। उम्मीद जताई जा रही है कि एमपीसी कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के कारण नीतिगत दरों में यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला कर सकती है। एमपीसी द्वारा मुद्रास्फीति में तेजी की आशंका के चलते भी इस दौरान ब्याज दरों में किसी बदलाव की उम्मीद कम है। प्रत्येक दो महीने में होने वाली इस मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे।
आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस समय रेपो दर चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर है। ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार एम गोविंदा राव ने कहा कि उम्मीद से बेहतर जीडीपी के आंकड़ों से एमपीसी को वृद्धि के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि हालांकि देश के कई हिस्सों में लगाए गए आंशिक लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के चलते वृद्धि को लेकर नकारात्मक जोखिम तेज हो गए हैं। उन्होंने कहा ऐसे में संभावना है कि आरबीआई अपने उदार मौद्रिक नीति रुख को जारी रखेगा और सतर्क दृष्टिकोण के साथ रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखेगा।
हाउसिंग डॉट कॉम, मकान डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल का मानना है कि आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के अपने प्रमुख लक्ष्य को खतरे में डाले बिना अपने उदार रुख को बनाए रख सकता है। कोटक महिंद्रा बैंक के समूह अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) शांति एकंबरम ने भी कहा कि एमपीसी नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा और एक उदार रुख के साथ प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा।