RBI की मौद्रिक समीक्षा बैठक आज, EMI पर राहत की उम्‍मीद कम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Feb, 2019 12:07 PM

rbi s monetary review meeting today lowered expectations of relief on emi

भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक समीक्षा बैठक आज से शुरू हो रही है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास अपने कार्यकाल की यह पहली समीक्षा बैठक है। जानकारों का कहना है कि लगातार कच्चे तेल की कीमतों

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक समीक्षा बैठक आज से शुरू हो रही है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास अपने कार्यकाल की यह पहली समीक्षा बैठक है। जानकारों का कहना है कि लगातार कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने से समिति के लिए नीतिगत ब्याज दर घटाना मुश्किल है। ऐसे स्थिति में होम लोन की ईएमआई पर राहत मिलने की उम्मीद कम है।

इससे पहले की मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी केंद्रीय बैंक ने बेंचमार्क ब्याज दर यानी रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर रखी थी और रिवर्स रेपो रेट 6.25 फीसदी पर यथावत रखी गई थी। बता दें कि उर्जित पटेल की अगुवाई में दिसंबर में आखिरी समीक्षा बैठक हुई थी। बैठक के परिणामों की घोषणा के बाद उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था। वहीं शक्तिकांत दास ने 12 दिसंबर को आरबीआई की कमान संभाली।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग के मुताबिक बैठक में आरबीआई नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ कर सकती है। उन्‍होंने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी के अलावा वैश्विक वृद्धि सुस्त पड़ने से 2018-19 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार फीसदी के दायरे में रहने वाली है। इससे रिजर्व बैंक के पास मौका बनेगा कि वह नीतिगत रुख बदले। ’बता दें कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के 3.8 प्रतिशत के अनुमान से कम 2.6 प्रतिशत रही। वहीं केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 7.01 लाख करोड़ रुपए रहा। वर्ष 2018- 19 में राजकोषीय घाटा 6.24 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है। सरकारी आकड़ों के अनुसार रेवेन्‍यू वसूली की रफ्तार कम होने से घाटे का आंकड़ा बढ़ गया है।
 

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