Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Oct, 2019 01:36 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक में लगातार पांचवी बार रेपो रेट में कटौती की गई है। इसके अतिरिक्त आरबीआई ने नेशनल इलेक्ट्रिक फंड...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक में लगातार पांचवी बार रेपो रेट में कटौती की गई है। इसके अतिरिक्त आरबीआई ने नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (NEFT) से जुड़ा भी बड़ा ऐलान किया है।
24 घंटे कर पाएंगे NEFT के जरिए लेन-देन
ग्राहक को दिसंबर से 24 घंटे एनईएफटी के जरिए लेन-देन की सुविधा मिलेगी। मौजूदा समय में ग्राहक इस सेवा का लाभ महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर हर वर्किंग डे पर उठा रहे हैं। यह सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7:45 बजे तक उपलब्ध रहती है। NEFT के जरिए एकमुश्त 50 हजार रुपए तक की राशि ट्रांसफर की जा सकती है। विशेष मामलों में यह सीमा बैंक बढ़ाई भी जाती हैं।
एक जुलाई से मुफ्त हुई थी NEFT सुविधा
छह जून को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में आरबीआई ने आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर के जरिए होने वाला लेन-देन निःशुल्क कर दिया था। यह नियम एक जुलाई से लागू हो चुका था। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में एनईएफटी के जरिए 20.34 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए। इस दौरान आरटीजीएस के जरिए 1.14 करोड़ लेन-देन हुए थे।
क्या है NEFT?
NEFT का मतलब है नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर। इंटरनेट के जरिए दो लाख रुपए तक के लेन-देन के लिए एनईएफटी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए किसी भी शाखा के किसी भी बैंक खाते से किसी भी शाखा के बैंक खाते को पैसा भेजा जा सकता है। बस इकलौती शर्त ये है कि भेजने वाले और पैसा पाने वाले, दोनों के पास इंटरनेट बैंकिंग सेवा का होना जरूरी है। अगर दोनों खाते एक ही बैंक के हैं तो सामान्य स्थिति में कुछ सेकेंड्स के अंदर पैसा ट्रांसफर हो सकता है।