Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jun, 2018 06:45 PM
रिजर्व बैंक रुपए को समर्थन देने तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के प्रवाह में कमी से निपटने के लिए प्रवासी भारतीय बांड के जरिए 30 से 35 अरब डॉलर जुटा सकता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक रुपए को समर्थन देने तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के प्रवाह में कमी से निपटने के लिए प्रवासी भारतीय बांड के जरिए 30 से 35 अरब डॉलर जुटा सकता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि चीनी कंपनियों के एमएससीआई जैसे वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित सूचकांकों में शामिल होने से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) के निवेश का प्रवाह उस ओर बढ़ सकता है। इससे भारत में प्रवाह प्रभावित होने की संभावना है।
बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) की रिपोर्ट के अनुसार मानक सूचकांकों में सूचीबद्धता से चीनी बाजार में 2019 तक 100 अरब डॉलर स्थानांतरित होगा। बोफाएमएल ने एक शोध रिपोर्ट में कहा, ‘‘चीनी रणनीतिकारों का अनुमान है कि मानक सूचकांकों में चीनी कंपनियों के आने से 2019 तक चीनी बाजार में 100 अरब डॉलर तक जा सकता है।’’
रिपोर्ट के अनुसार भारत में अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले एफपीआई इक्विटी प्रवाह कुछ धीमा हो सकता है। इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि आर.बी.आई. 30 से 35 अरब डॉलर तक जुटाने के लिए एनआरआई बांड की चौथी किस्त जारी करेगा ताकि एफपीआई प्रवाह में नरमी के प्रभाव से निपटा जाए।’’ रिपोर्ट के अनुसार एनआरआई बांड विदेशह मुद्रा जमा होगा जिसे प्रवासी भारतीयों के जरिए जुटाया जाएगा। यह 3 से 5 साल के लिए होगा जिस पर आकर्षक ब्याज मिलेगा।