Edited By Supreet Kaur,Updated: 24 Oct, 2018 11:06 AM
रिजर्व बैंक तरलता बढ़ाने के लिए सरकारी बांड की खरीद कर गुरुवार को बाजार में करीब 12 हजार करोड़ रुपए की नकदी डालने वाला है। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘‘तरलता की कमी के किए गए आकलन के आधार पर तथा आने वाले समय में तरलता की टिकाऊ मांग को देखते हुए...
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक तरलता बढ़ाने के लिए सरकारी बांड की खरीद कर गुरुवार को बाजार में करीब 12 हजार करोड़ रुपए की नकदी डालने वाला है। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘‘तरलता की कमी के किए गए आकलन के आधार पर तथा आने वाले समय में तरलता की टिकाऊ मांग को देखते हुए रिजर्व बैंक ने 25 अक्टूबर को खुले बाजार प्रक्रिया (ओएमओ) के तहत 120 अरब रुपए के सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने का निर्णय लिया है।’’ उसने कहा कि यह खरीद विविध कीमतों के तरीकों का इस्तेमाल कर बहु-प्रतिभूति आवंटन के जरिए की जाएगी।
रिजर्व बैंक ओएमओ के तहत खरीदी जाने वाली प्रतिभूतियों को 2020 में परिपक्वता की स्थिति में 8.12 फीसदी की ब्याज दर पर, 2022 में परिपक्वता की स्थिति पर 8.20 फीसदी, 2024 में परिपक्वता की स्थिति पर 8.40 फीसदी, 2026 में परिपक्वता की स्थिति पर 6.97 फीसदी और 2031 में परिपक्वता की स्थिति पर 6.68 फीसदी ब्याज दर पर खरीदेगा। यह रिजर्व बैंक की बाजार में कुल 36 हजार करोड़ रुपए की नकदी डालने की योजना का हिस्सा है। यह ओएमओ के जरिए नकदी डालने की योजना की आखिरी खेप है। इससे पहले अक्टूबर के दूसरे एवं तीसरे सप्ताह में पहली दो खेप बाजार में डाली जा चुकी है।
रिजर्व बैंक बाजार में नकदी की अधिकता हो जाने की स्थिति में प्रतिभूतियों की बिक्री कर बाजार से तरलता को सोखता है। यदि नकदी की कमी हो जाए तब रिजर्व बैंक बाजार से प्रतिभूतियों की खरीद कर तरलता को बढ़ाता है। ओएमओ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए रिजर्व बैंक बाजार में तरलता का प्रबंधन करता है।