Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Aug, 2018 10:00 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों की बढ़ती गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) पर नियंत्रण के अपने प्रयास के तहत 200 बड़े कर्ज खातों की निगरानी शुरू कर दी है। बैंक ने इन कर्जों के एवज में संबंधित बैंक द्वारा किए गए प्रावधानों और उनके दबाव के स्तर का आकलन...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों की बढ़ती गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) पर नियंत्रण के अपने प्रयास के तहत 200 बड़े कर्ज खातों की निगरानी शुरू कर दी है। बैंक ने इन कर्जों के एवज में संबंधित बैंक द्वारा किए गए प्रावधानों और उनके दबाव के स्तर का आकलन के वास्ते इनकी जांच शुरू की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरबीआई इस बात की जांच कर रहा है कि बैंकों ने इन परिसंपत्तियों के संबंध में विवेकपूर्ण तरीके से नियमों का पालन किया है या नहीं। अधिकारी ने कहा कि आरबीआई इन ऋणों के संबंध में वर्गीकरण, प्रावधान और ऋण पुनर्गठन का आकलन भी कर रहा है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बैंक यह काम बैंकों के बही खातों की अपनी सालाना जांच के तहत कर रहा है। इनमें वीडियोकॉन, जिंदल स्टील एंड पावर समेत कुछ अन्य बड़े खाते शामिल हैं।
आरबीआई की ओर से यह कदम ऐसे समय उठाया गया है कि जब बैंकिंग क्षेत्र का सकल एनपीए बढ़कर 10.3 लाख करोड़ यानी सकल कर्ज का 11.2 प्रतिशत हो गया है। 31 मार्च 2017 को यह आंकड़ा आठ लाख करोड़ यानी 9.5 प्रतिशत था। पिछले वर्ष के वार्षिक जांच के बाद आरबीआई ने एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यस बैंक समेत कई ऋणदाताओं को एनपीए कम करके आंकते हुए पाया था।