Edited By Supreet Kaur,Updated: 14 Oct, 2018 11:25 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों को आंकड़े देश में ही रखने (डेटा स्थानीयकरण) के नियमों के अनुपालन के लिए दिए गए समय को आगे नहीं बढ़ाएगा। आरबीआई ने इसके लिए अंतिम तिथि 15 अक्टूबर निर्धारित की है। सूत्रों ने...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों को आंकड़े देश में ही रखने (डेटा स्थानीयकरण) के नियमों के अनुपालन के लिए दिए गए समय को आगे नहीं बढ़ाएगा। आरबीआई ने इसके लिए अंतिम तिथि 15 अक्टूबर निर्धारित की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। जनहित में केंद्रीय बैंक ने यह निर्देश दिया है।
रिजर्व बैंक ने अप्रैल में भुगतान के कामकाज में लगी वैश्विक कंपनियों को भारतीय ग्राहकों के लेनदेन के आंकड़े भारत में ही संग्रहीत करके रखने के लिए छह महीने का समय दिया था। सूत्रों के मुताबिक, वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां रिजर्व बैंक से बार-बार अंतिम तिथि को 15 अक्टूबर से आगे बढ़ाने की मांग कर रही हैं लेकिन केंद्रीय बैंक डेटा इन नियमों के अनुपालन की समयसीमा को आगे बढ़ाने का इच्छुक नहीं है। डेटा स्थानीयकरण का अर्थ है कि देश में रहने वाले नागरिकों के निजी आंकड़ों को एकत्र, प्रसंस्करण और संग्रहीत करके देश के भीतर ही रखा जाये और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थानांतरित करने से पहले स्थानीय निजता कानून या डेटा संरक्षण कानून की शर्तों को पूरा किया जाए।
भारतीय कंपनियों ने रिजर्व बैंक के इस कदम का स्वागत किया है जबकि विदेशी कंपनियों को यहां अपना सर्वर बनाने में खर्च बढ़ने का खतरा सता रहा है। सूत्रों ने कहा कि लागत में वृद्धि से बचने के लिए विदेशी कंपनियों ने हाल ही में हुई एक बैठक में असल आंकड़ों की जगह उनकी एक नकल भारत में रखने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने इसकी मंजूरी नहीं दी।