6.9 फीसदी की वृद्धि दर के लिए RBI को अभी काफी कुछ करना होगाः विश्लेषक

Edited By Supreet Kaur,Updated: 08 Aug, 2019 04:54 PM

rbi will still have to do a lot for the growth rate of 6 9 percent

विश्लेषकों ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान को ‘आशावादी'' बताते हुए कहा है कि अर्थव्यवस्था की मदद करने को भारतीय रिजर्व बैंक को निकट भविष्य में ब्याज दरों में और कटौतियां करनी होंगी। केंद्रीय बैंक ने बुधवा....

मुंबईः विश्लेषकों ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान को ‘आशावादी' बताते हुए कहा है कि अर्थव्यवस्था की मदद करने को भारतीय रिजर्व बैंक को निकट भविष्य में ब्याज दरों में और कटौतियां करनी होंगी। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को रेपो दर में 0.35 फीसदी की कटौती की है। इससे रेपो दर 5.4 फीसदी के नौ साल के निचले स्तर पर आ गई है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 0.10 फीसदी घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है।

निजी क्षेत्र के सबसे बड़े एचडीएफसी बैंक के अर्थशास्त्रियों ने वृद्धि दर में कमी को आर्थिक स्थिति के निरुपण की तुलना में बहुत कम बताया है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमूरा ने एक नोट मे कहा कि वृद्धि दर का नीचे किया गया अनुमान अब भी ‘आशावादी' है। वहीं बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच के विश्लेषको ने कहा कि जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 फीसदी रह सकती है। नोमूरा को सात फीसदी वृद्धि के आरबीआई के पिछले अनुमान के मुकाबले वृद्धि दर 0.20 फीसदी कम रहने का जोखिम दिख रहा है।

नोमूरा का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक इस साल के दौरान नीतिगत दरों में 0.40 फीसदी की और कटौती करेगा। बोफाएमल के विश्लेषकों का कहना है कि रिजर्व बैंक इस वित्त वर्ष में रेपो दर में 0.40 की और कमी करेगा और यह पांच फीसदी से नीचे आ जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक अक्टूबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.15 फीसदी की और कटौती करेगा। इसके बाद वह फरवरी में इसमे चौथाई फीसदी की और कमी लाएगा।

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