RCEP देशों को लंबित मुद्दों के निपटान के लिए लचीला रुख अख्तियार करने की जरूरत: प्रभू

Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Mar, 2019 03:42 PM

rcep members must show flexibility to resolve pending issues prabhu

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समूह के सदस्यों देशों को प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत के रास्ते में आने वाली दिक्कतों को

नई दिल्लीः केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समूह के सदस्यों देशों को प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत के रास्ते में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए अपने वार्ताकारों को लचीला रुख अपनाने के अधिकार देने चाहिए।

कंबोडिया के सिएम रीएप में आरसीईपी की मंत्रिस्तरीय बैठक में प्रभु ने कहा, 'हमें लंबित पड़े मुद्दों पर लचीला रुख और सुविधाजनक व्यवस्था पेश करने के लिए अपने वार्ताकारों को अधिकार देकर सशक्त बनाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि इस साल जमीनी स्तर पर बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। प्रभु ने कहा, 'सीमाओं का ध्यान रखते हुए हमें सचेत रहना चाहिए। तकनीकी स्तर पर इस साल केवल तीन दौर की बैठकें होनी हैं।'

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक वार्ता के 25 दौर हो चुके हैं लेकिन सदस्य देश अब तक उत्पादों की संख्या को अंतिम रूप नहीं दे पाए हैं, जिन पर सीमा शुल्क हटाया जाएगा। सेवा क्षेत्र में भी कई मुद्दे लटके पड़े हैं। भारत ने सेवा क्षेत्र में कारोबार बढ़ाने के लिए अधिक लचीला रुख अपनाने की मांग की है। प्रभु ने बताया कि भारत और अमेरिका कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक कर रहे हैं ताकि आपसी सहमति बनाने के लिए ‘अनुरोध और पेशकश’ के बीच के अंतर को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत समेत आरसीईपी के कुछ सदस्य देश इस साल चुनाव के दौर से गुजरने वाले हैं लेकिन इस मामले में बातचीत जारी रहनी चाहिए।

क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) एक वृहत व्यापार समझौता होगा जिसका मकसद वस्तु, सेवा, निवेश, आर्थिक और तकनीकी सहयोग, प्रतिस्पर्धा और बौद्धिक संपदा अधिकारों को शामिल करना है। क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समूह में कुल 16 सदस्य देश हैं। इनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यामां, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम जैसे 10 आसियान देश तथा इनके छह मुक्त व्यापार भागीदार देश ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, कोरिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।  

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!