Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Oct, 2018 11:18 AM
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को अपना स्पेक्ट्रम रिलायंस जियो को बेचने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) से स्वीकृति मिलने में देरी हो सकती है।
मुंबईः रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को अपना स्पेक्ट्रम रिलायंस जियो को बेचने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) से स्वीकृति मिलने में देरी हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि वे आरकॉम की स्पेक्ट्रम की बकाया रकम के लिए जमीन को गारंटी के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे और ट्राइब्यूनल के ऑर्डर में बदलाव के लिए आवेदन दाखिल करेंगे।
टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्राइब्यूनल (TDSAT) इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को करेगा और DoT के इस रुख का मतलब है कि आरकॉम को अगले कुछ दिनों में जियो को स्पेक्ट्रम बेचने के लिए स्वीकृति मिलनी मुश्किल है। इससे स्वीडन की टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन को पेमेंट करने में आरकॉम को और देरी होगी।
अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी आरकॉम के लिए रिलायंस इंफ्राटेल के माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स ने भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। HSBC डेजी इनवेस्टमेंट्स और अन्य माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स ने आरकॉम की टावर यूनिट रिलायंस इंफ्राटेल के सितंबर के अंत की समयसीमा तक 232 करोड़ रुपए का भुगतान न करने के कारण अदालत की अवमानना का मामला दाखिल किया है। एरिक्सन ने इससे पहले आरकॉम के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ ऐसी ही एक याचिका दायर की थी। अनिल अंबानी ने पर्सनल गारंटी दी थी कि एरिक्सन को 30 सितंबर तक तक बकाया रकम का भुगतान कर विवाद सुलझा लिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
पिछले सप्ताह आरकॉम को उस समय एक बड़ी राहत मिली थी जब TDSAT ने एक अंतरिम आदेश में DoT को निर्देश दिया था कि वह आरकॉम को बिना बैंक गारंटी के जियो को स्पेक्ट्रम बेचने की जल्द अनुमति दे। हालांकि, इसके साथ ही TDSAT ने आरकॉम को एक लैंड पार्सल नहीं बेचने का भी निर्देश दिया था। सरकार की ओर से 2,947.68 करोड़ रुपए की बकाया रकम की डिमांड के बदले यह जमीन गारंटी के तौर पर होगी।