दिवालिया होने की कगार पर RCom, 10 साल में 1.66 लाख करोड़ से 1637 करोड़ तक पहुंची

Edited By Isha,Updated: 06 Feb, 2019 10:42 AM

rcom on the verge of bankruptcy

मौजूदा समय में देश का सबसे हॉट शारदा चिटफंड घोटाला, ममता बनर्जी का धरना, विजय माल्या को भारत लाने की मंजूरी बने हुए हैं लेकिन पिछले 2 दिनों से देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने के सुपुत्र अनिल अंबानी की आरकॉम दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुकी है।

नई दिल्ली : मौजूदा समय में देश का सबसे हॉट शारदा चिटफंड घोटाला, ममता बनर्जी का धरना, विजय माल्या को भारत लाने की मंजूरी बने हुए हैं लेकिन पिछले 2 दिनों से देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने के सुपुत्र अनिल अंबानी की आरकॉम दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुकी है। यह चर्चा कहीं न कहीं इन मामलों के बीच दबकर रह गई है।आरकॉम जिसने टैलीकॉम इंडस्ट्री की सूरत बदल कर रख दी थी। जो 10 साल पहले देश की दूसरी सबसे बड़ी टैलीकॉम कम्पनी थी। जिसकी मार्कीट में हिस्सेदारी 17 प्रतिशत से अधिक थी। कौन कह सकता है कि वह कम्पनी आज दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुकी है।

10 साल पहले कम्पनी का मार्कीट कैप 1.66 लाख करोड़ रुपए था, वह आज 1637 करोड़ रुपए की कम्पनी बनकर रह गई है। ताज्जुब की बात तो यह है कि आरकॉम की शुरूआत 27 दिसम्बर, 2002 को हुई थी, जबकि धीरूभाई अंबानी का जन्मदिन 28 दिसम्बर को आता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर आरकॉम का सूर्यास्त कैसे हुआ?

792 रुपए से 6 रुपए से नीचे आ गया कम्पनी का शेयर
आरकॉम कम्पनी के शेयरों में काफी गिरावट आ चुकी है। अब से 10 साल पहले कम्पनी का शेयर 792 रुपए था। उस समय यह आंकड़ा काफी अच्छा माना जाता था। 5 फरवरी यानी आज कम्पनी का शेयर 6 रुपए से भी नीचे 5.92 रुपए प्रति शेयर आ चुका है। कम्पनी का मार्कीट कैप 10 सालों में 1.66 लाख करोड़ रुपए से 1637 करोड़ रुपए तक आ गया है। पिछले कुछ सालों में जितनी दुर्गति आरकॉम की हुई है उतनी किसी टैलीकॉम कम्पनी की नहीं हुई है।

टैलीकॉम इंडस्ट्री पर 17 प्रतिशत की थी हिस्सेदारी
जब अंबानी बंधुओं के बीच बंटवारा हुआ था तब आरकॉम अनिल अंबानी के हिस्से में आई थी। तब अनिल अंबानी के ग्रुप की आरकॉम फ्लैगशिप कम्पनी थी। 2010 तक आरकॉम की टैलीकॉम इंडस्ट्री में हिस्सेदारी 17 प्रतिशत तक पहुंच गई थी और देश की दूसरी सबसे बड़ी टैलीकॉम कम्पनी बन चुकी थी। उसी के बाद अनिल अंबानी पर कर्ज बढऩा शुरू हो गया। तब अनिल अंबानी पर कर्ज 25,000 करोड़ रुपए था जो अब बढ़कर 45,000 करोड़ रुपए पहुंच चुका है।

इस वजह से बर्बाद हुई आरकॉम
आरकॉम के बर्बाद होने की वजह तो वैसे कई सारी हैं लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह है गलत एक्सपैंशन प्लान, जिससे कम्पनी पर कर्ज लगातार बढ़ता गया, जिसे कम्पनी नहीं चुका सकी। 2016 में जियो के आ जाने से शुरू हुए डाटा वार के कारण सबसे ज्यादा नुक्सान आरकॉम को ही हुआ, जिससे वह टैलीकॉम इंडस्ट्री की गलाकाट प्रतियोगिता में टिक नहीं सकी।

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