Ericsson का बकाया चुकाने के लिए आयकर रिफंड के इस्तेमाल की RCOM की याचिका का विरोध

Edited By Isha,Updated: 28 Feb, 2019 11:09 AM

rcom s plea against the use of income tax refund to pay ericsson s dues

कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशन्स को ऋण देने वाले वित्तीय संस्थानों ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष बुधवार को कंपनी द्वारा दायर एक अर्जी का विरोध किया, जिसमें उसने एरिक्सन के बकाये का भुगतान करने के लिए आयकर रिफंड से

 

बिजनेस डेस्कः कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशन्स को ऋण देने वाले वित्तीय संस्थानों ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष बुधवार को कंपनी द्वारा दायर एक अर्जी का विरोध किया, जिसमें उसने एरिक्सन के बकाये का भुगतान करने के लिए आयकर रिफंड से प्राप्त राशि को जारी करने का विरोध किया है। एनसीएलएटी, आरकॉम की याचिका पर सुनवाई कर रही है। कंपनी ने अपनी अर्जी में न्यायाधिकरण से उसके द्वारा चार फरवरी को पारित पाबंदी के आदेश में मोहलत देने का आग्रह किया है।

न्यायमूर्ति एस जे मुखोपध्याय के नेतृत्व वाली एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने एसबीआई सहित कंपनी को कर्ज देने वाली संस्थाओं को इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए आठ मार्च तक का वक्त दिया है। आरकॉम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपीलीय न्यायाधिकरण से रुपए को सीधे एरिक्सन के खाते में डालने की अनुमति मांगी थी।

उल्लेखनीय है कि अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी आरकॉम को एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान करना है हालांकि, वित्तीय ऋणदाताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कृष्णन वेणुगोपाल और अन्य ने कंपनी की इस अर्जी का विरोध किया है। एसबीआई की ओर से वेणुगोपाल ने कहा, यह न्यायाधिकरण इस मुद्दे पर निर्णय का उचित मंच नहीं है। उच्चतम न्यायालय पहले ही इस मुद्दे पर विचार कर चुका है। यह राशि अलग से आनी है। अपीलीय प्राधिकरण अब 11 मार्च को मामले की अगली सुनवाई करेगी।

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