कश्मीर में निवेश के लिए रियल एस्टेट कंपनियां तैयार, बड़ी तादाद में रोजगार की जगी उम्मीद

Edited By Supreet Kaur,Updated: 06 Aug, 2019 09:43 AM

real estate companies are ready to invest in kashmir

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए के हटने के बाद रियल एस्टेट कंपनियां अपने लिए निवेश की बड़ी संभावनाएं देख रही हैं। यही वजह है कि रियल एस्टेट सैक्टर में केन्द्र के इस फैसले को लेकर खुशी का माहौल है। नारडेको के नैशनल चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी...

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए के हटने के बाद रियल एस्टेट कंपनियां अपने लिए निवेश की बड़ी संभावनाएं देख रही हैं। यही वजह है कि रियल एस्टेट सैक्टर में केन्द्र के इस फैसले को लेकर खुशी का माहौल है। नारडेको के नैशनल चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले से बड़ी तादाद में लोगों में रोजगार की उम्मीद जगी है।

हीरानंदानी के मुताबिक अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में विकास की नई संभावनाएं विकसित होंगी, जिससे वहां इकोनॉमिक ग्रोथ को रफ्तार मिलेगी। साथ ही सरकार के इस कदम से देश के अन्य हिस्सों की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां निवेश कर सकेंगी। इससे न सिर्फ देश इकोनॉमिक तौर पर आगे बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को आर्थिक तौर पर फायदा होगा। वहीं बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे देश के जी.डी.पी. ग्रोथ में इजाफा होगा। उधर देश के उद्योगपतियों ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के नरेन्द्र मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इसके हटने से राज्य के लोगों को भी देश के अन्य नागरिकों की तरह समान अवसर उपलब्ध होंगे और विकास कार्यों में तेजी आएगी।

2 साल में 1500 करोड़ रुपए का हो सकता है कश्मीर का कालीन उद्योग
सरकार की घोषणा के बाद कश्मीर के कालीन निर्यात में भारी उछाल की संभावना है। कालीन निर्यातकों का कहना है कि अगले 2 साल में कम से कम कालीन निर्यात में वर्तमान निर्यात के मुकाबले 200 प्रतिशत का इजाफा होगा। कार्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काऊंसिल के चेयरमैन सिद्ध नाथ सिंह ने बताया कि सरकार के आज के फैसले से कश्मीर से होने वाला कालीन निर्यात अगले दो साल में कम से कम 1500 करोड़ रुपए का हो जाएगा। अभी कश्मीर से लगभग 500 करोड़ रुपए का कालीन निर्यात किया जाता है। फिलहाल देश के कुल कालीन निर्यात में कश्मीर की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत है जो कि अगले 2 साल में आसानी से 15 प्रतिशत के स्तर को छू सकता है। भारत से सालाना 10,500 करोड़ रुपए का कालीन निर्यात किया जाता है। दुनिया के बाजार में भारत के कालीन को मुख्य रूप से ईरान के कालीन से मुकाबला मिलता है।

90 प्रतिशत महिलाएं करती हैं कालीन बनाने का काम
उन्होंने बताया कि कश्मीर में कालीन बनाने का काम मुख्य रूप से घाटी में होता है। इस काम में 90 प्रतिशत महिलाएं हैं क्योंकि कश्मीर के पुरुष अधिकतर टूरिज्म के कारोबार में व्यस्त होते हैं। घर में महिलाएं अन्य काम के साथ कालीन बनाने का काम करती हैं। उन्होंने बताया कि कश्मीर का कालीन खूबसूरत होने के साथ काफी महंगा होता है, इसलिए इसके खरीदार कम होते जा रहे हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने से वहां का कारोबारी दरवाजा सबके लिए खुलेगा। इससे कालीन के निर्यात में हर हाल में भारी बढ़ौतरी होगी।

कश्मीर में अपना ऑफिस खोल पाएंगे कारोबारी
सिंह ने बताया कि अभी अगर वह कश्मीर में अपना कारोबारी ऑफिस खोलना चाहें तो उन्हें किसी कश्मीरी को पार्टनर बनाना होगा चाहे वह पार्टनरशिप 5 प्रतिशत का ही क्यों न हो लेकिन अब हर कारोबारी वहां अपना ऑफिस खोल सकेगा, जमीन खरीद सकेगा, निर्माण कर सकेगा। ऐसे में कारोबारियों का कश्मीर के प्रति लगाव बढ़ेगा। लोग वहां निवेश करना शुरू कर देंगे। इससे रोजगार में बढ़ौतरी होगी। उन्होंने बताया कि अभी कश्मीर की घाटी में कालीन का निर्माण होता है और उसकी मार्कीटिंग निर्यातक करते हैं। मार्कीटिंग के लिए अब धड़ल्ले से कारोबारी अपना ऑफिस कश्मीर में खोल पाएंगे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!