रियल एस्टेट कंपनियों को GST की पुरानी दरें चुनने के लिए 10 मई तक का समय

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Apr, 2019 12:58 PM

real estate companies to choose old rates of gst by may10th

रियल एस्टेट कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ अपने आप को जीएसटी के पुराने ढांचे के तहत अपने को बनाए रखने के बारे में 10 मई तक संबंधित अधिकारियों को सूचना दे सकती हैं।

नई दिल्लीः रियल एस्टेट कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ अपने आप को जीएसटी के पुराने ढांचे के तहत अपने को बनाए रखने के बारे में 10 मई तक संबंधित अधिकारियों को सूचना दे सकती हैं। अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो यह मान लिया जाएगा कि उन्होंने इस क्षेत्र के लिए संशोधित जीएसटी ढांचे को अपना लिया है।

जीएसटी काउंसिल ने रियल एस्टेट कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ पुरानी 12 प्रतिशत (सामान्य रिहायशी मकान) और 8 प्रतिशत (सस्ते मकान) की दर या फिर बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिहायशी मकानों के लिए 5 प्रतिशत तथा सस्ता मकानों के लिए 1.0 प्रतिशत की दर से जीएसटी अपनाने का विकल्प दिया है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अधिसूचना जारी किया है और रियल एस्टेट कंपनियों को इन दोनों कर ढांचों में से किसी एक को चुनने का मौका एक बार ही मिलेगा। सीबीआईसी ने कहा, ‘मौजूदा परियोजनाओं मामले में पंजीकृत इकाई अपार्टमेंट के निर्माण पर निर्धारित दर के हिसाब से केंद्रीय कर के भुगतान को लेकर एक बार विकल्प अपनाएगी। यह विकल्प वह 10 मई 2019 तक अपना सकता है।’

अगर रियल्टी कंपनियां इस विकल्प को नहीं अपनाती हैं, वे एक अप्रैल 2019 से 5 प्रतिशत और 1.0 प्रतिशत की न्यूनतम कर की दर के अंतर्गत आएंगी तथा उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। इस बीच, एक अलग अधिसूचना में सीबीआईसी ने नई दर अपनाने वाली रियल एस्टेट कंपनियों से अपने बही-खातों को आईटीसी के संदर्भ में तैयार करने को कहा है। कंपनियों ने जरूरत से ज्यादा क्रेडिट का उपयोग करने की स्थिति में 24 किस्तों में भुगतान करने को कहा है।

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