Edited By Supreet Kaur,Updated: 26 Dec, 2019 11:15 AM
आर्थिक सुस्ती के बीच रियल एस्टेट सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है। इस सेक्टर का कारोबार पूरी तरह ठप पड़ गया है। सरकार की तरफ से राहत पैकेज देने के बावजूद अभी तक कारोबार में तेजी नहीं आई है। सरकारी डेटा के मुताबिक वर्तमान में देश में करी....
नई दिल्लीः आर्थिक सुस्ती के बीच रियल एस्टेट सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है। इस सेक्टर का कारोबार पूरी तरह ठप पड़ गया है। सरकार की तरफ से राहत पैकेज देने के बावजूद अभी तक कारोबार में तेजी नहीं आई है। सरकारी डेटा के मुताबिक वर्तमान में देश में करीब 1.8 लाख हाउसिंग यूनिट्स अनसोल्ड हैं। इन प्रॉजेक्ट्स की कुल कीमत करीब 1.39 लाख करोड़ रुपए है। इन प्रॉजेक्ट्स में करीब 50 फीसदी दिल्ली-नैशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) और मुंबई-मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (एमएमआर) में हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि करीब 225 मिलियन स्क्वेयर फीट एरिया में इन प्रॉजेक्ट्स के काम चल रहे हैं और कुल लागत करीब 1.39 लाख करोड़ रुपए है। मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (एमएमआर) क्षेत्र में करीब 51,721 यूनिट्स अनसोल्ड हैं जो सबसे ज्यादा हैं। उसके बाद नैशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) में करीब 49,027 अनसोल्ड यूनिट्स हैं।
पिछले दिनों रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि आर्थिक सुस्ती के कारण रियल एस्टेट सेक्टर पर काफी दबाव है। अगर सुस्ती को जल्द दूर नहीं किया जाता है तो यह बम कभी भी फट सकता है और भारतीय इकॉनमी के लिए यह बेहद खतरनाक होगा।