Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 01:47 PM
वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश हो चुका है। इस बजट में कुछ जगह ऐसी थी जहां अप्रत्याशित बदलाव देखे गए तो वहीं कुछ ऐसी भी थी जहां दिग्गजों की उम्मीदों के विपरीत किसी भी तरह के बदलाव ने जगह नहीं ली। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के...
नई दिल्लीः वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश हो चुका है। इस बजट में कुछ जगह ऐसी थी जहां अप्रत्याशित बदलाव देखे गए तो वहीं कुछ ऐसी भी थी जहां दिग्गजों की उम्मीदों के विपरीत किसी भी तरह के बदलाव ने जगह नहीं ली। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को काफी कुछ दिया है और साथ ही 2022 तक हाउसिंग फॉर आल मिशन के दिशा में फंड जारी करने की भी बात कही है।
अफोर्डेबल हाउसिंग को मिलेगा बूस्ट
इस साल के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर और अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार द्वारा यह कदम देश के विकास के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार के 2022 तक के हाउसिंग फॉर आल योजना के लिए अच्छे फंड प्रदान करने की भी बात कही जो सराहनीय है। हालांकि हमने यह उम्मीद की थी कि रियल एस्टेट क्षेत्र में रेरा और जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण एक्ट लागू होने के बाद इस साल के बजट में और भी नए संशोधन किए जाएंगे।
आम जनता को नहीं मिला कोई लाभ
इस बार के बजट में आम जनता के लिए टैक्स स्ट्रक्चर से सम्बंधित किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिला है। एमएसएमई (माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज) के कॉर्पोरेट टैक्स को 25 प्रतिशत का विस्तार 250 करोड़ कॉर्पोरेट्स वाली कंपनियों तक के लिए कर दिया है। कंपनियों के कम टैक्स का बोझ रियल एस्टेट को नई शुरुआत करने और नौकरी के अवसरों को बढ़ाने के लिए अनुमति दे सकता है।