Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Aug, 2019 10:58 AM
आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को रियल एस्टेट कंपनियों से कंपनी संचालन पर ध्यान देने और आवास तथा वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग को पूरा करने के लिए प्रतिस्पर्धी मूल्य पर सही उत्पाद लाने को कहा।
नई दिल्लीः आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को रियल एस्टेट कंपनियों से कंपनी संचालन पर ध्यान देने और आवास तथा वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग को पूरा करने के लिए प्रतिस्पर्धी मूल्य पर सही उत्पाद लाने को कहा।
मंत्री ने नया रियल एस्टेट कानून रेरा को रेखांकित करते हुए कहा कि यह क्रांतिकारी कदम है जो क्षेत्र में बुनियादी बदलाव लाया है। रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून संसद में 2016 में पारित हुआ और मई 2017 में प्रभाव में आया। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली में अटकी पड़ी बड़ी परियोजनाओं में मकान खरीदारों को जल्दी ही राहत मिल सकती है। पुरी ने यह भी घोषणा की कि सरकार किराए पर मकान को बढ़ावा देने के लिए जल्दी ही मॉडल किराएदारी कानून लाएगी।
उन्होंने सीआईआई-सीबीआरई रियल एस्टेट सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि आने वाले सप्ताहों में हमें तीन बड़ी परियोजनाओं के मामले में कार्रवाई देखने को मिलेगी। इसका श्रेय शीर्ष अदालत को जाता है क्योंकि कई मकान खरीदार उच्चतम न्यायालय गए थे।'' उसके बाद हम अन्य परियोजनाओं से निपटेंगे। मंत्री ने परियोजनाओं का नाम नहीं लिया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र- दिल्ली में लाखों खरीदार जेपी इंफ्राटेक, आम्रपाली और यूनिटेक समेत विभिन्न कंपनियों की परियोजनाओं में फंसे हुए हैं। इन्हें समय पर मकान की आपूर्ति नहीं की गई।
पुरी ने यह भी कहा कि रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र को आर्थिक वृद्धि में अहम भूमिका निभानी है क्योंकि रोजगार सृजन के मामले में दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आर्थिक वृद्धि दर लगातार करीब 7 प्रतिशत बनाए रखनी है ओर हमें 2024 तक 5,000 अरब डॉलर तथा 2029-30 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।''
मंत्री ने यह भी कहा कि कंपनी संचालन काफी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। रेरा के पहले ज्यादातर लेन-देन असंगठित क्षेत्र की तरह से हो रहा था लेकिन इस कानून के बाद चीजें पूरी तरह बदल गई हैं। इससे क्षेत्र में मजबूती आई है। उद्योग में नकदी के बारे में उन्होंने कहा कि जब किसी बड़े खेत्र में कुछ गलत होता है, उद्योग प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद करता है। ‘‘हालांकि सरकार एक सीमा तक ही मदद कर सकती है सरकार को कारपोरेट क्षेत्र में उस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है जो कारोबार विफलता का नतीजा है।''