आभूषण कारोबार में ‘मंदी', जा सकती हैं नौकरियां

Edited By Supreet Kaur,Updated: 10 Sep, 2019 11:34 AM

recession in jewelery business jobs may go

आभूषण उद्योग ‘मंदी'' के दौर से गुजर रहा है। इससे कुशल कारीगरों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो सकता है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद ने सोमवार को यह बात कही। परिषद ने इसके साथ ही आयातित सोने पर सीमा शुल्क की दरें कम करने और आभूषणों पर...

कोलकाताः आभूषण उद्योग ‘मंदी' के दौर से गुजर रहा है। इससे कुशल कारीगरों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो सकता है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद ने सोमवार को यह बात कही। परिषद ने इसके साथ ही आयातित सोने पर सीमा शुल्क की दरें कम करने और आभूषणों पर जीएसटी की दर घटाने की मांग की है।

आम बजट 2019-20 में आयातित सोने पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था। वहीं आभूषण पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर तीन फीसदी तय की गई है। पूर्ववर्ती मूल्य वर्धित कर (वैट) प्रणाली में यह एक फीसदी थी। परिषद के वाइस चेयरमैन शंकर सेन ने कहा, ‘‘कमजोर मांग से आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है। इससे हजारों कुशल कारीगरों का रोजगार छिनने का अंदेशा पैदा हो गया है।''

उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में वृद्धि तथा जीएसटी की मौजूदा दर से उपभोक्ता धारणा प्रभावित हो रही है क्योंकि इससे आभूषणों की कीमतों में इजाफा हुआ है। सेन ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि सीमा शुल्क की दर को 12.5 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जाए। जीएसटी की दर को भी एक फीसदी पर लाया जाए।'' उन्होंने कहा कि ऊंचे सीमा शुल्क की वजह से सोने की तस्करी भी बढ़ी है। 

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