गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार, पर खरीद में सुस्त सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Apr, 2020 03:50 PM

record yields of wheat but government sluggish in purchases

इस साल चालू रबी सीजन में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने के बावजूद यूपी समेत कुछ राज्यों में गेहूं किसानों के चेहरे से खुशी गायब है। उनकी खुशी गायब होने का कारण सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उनकी उपज का खरीद नहीं होना है।

नई दिुल्लीः इस साल चालू रबी सीजन में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने के बावजूद यूपी समेत कुछ राज्यों में गेहूं किसानों के चेहरे से खुशी गायब है। उनकी खुशी गायब होने का कारण सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उनकी उपज का खरीद नहीं होना है। यूं तो पिछले कुछ दिनों में पंजाब और हरियाणा में सरकारी खरीद बढ़ी है लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अभी भी यह सुस्त गति से चल रही है। इस वजह से किसान बिचौलिये के पास जाने को मजबूर हो रहे हैं।

केंद्र सरकार के आंकडों के अनुसार इस साल रबी मौसम में 10.62 करोड़ टन गेहूं के पैदा होने का अनुमान है, जो कि रिकॉर्ड है। पिछले साल रबी मौसम में 10.37 करोड़ टन गेहूं पैदा हुआ था। किसानों को अधिक लाभ मिले, इसके लिए सरकार ने रबी सीजन 2020-21 के लिए गेहूं का एमएसपी 1925 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है जबकि पिछले साल इसी मौसम में यह दर 1840 रुपए प्रति क्विंटल थी। यही नहीं, केंद्र सरकार ने चालू रबी सीजन 2020-21 में एमएसपी पर 407 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले रबी में 341.32 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।

देर से शुरू हुई सरकारी खरीद
इस साल जाड़े के मौसम में देर तक बारिश हुई, इसलिए गेहूं की फसल देर से तैयार हुई। पिछले साल सभी प्रमुख गेहूं उत्पादन राज्यों में जहां 15 से 20 मार्च के बीच गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई थी जो इस बार यूपी, एमपी और राजस्थान में एक महीने की देरी से यानी 15 अप्रैल से शुरू हुई। पंजाब और हरियाणा में तो इसकी खरीद बीते 20 अप्रेल से शुरू हुई है।

पंजाब-हरियाणा में तेजी से हो रहा है काम
इन दोनों राज्यों में भले ही देर से खरीद शुरू हुई हो, लेकिन वहां तेजी से गेहूं की खरीद हो रही है। कल शाम तक पंजाब में 27.32 लाख टन जबकि हरियाणा में 9.15 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। आज भी सुबह से इन दोनों राज्यों में तेजी से खरीद हो रही है। दरअसल, मौसम विभाग की बारिश की भविष्यवाणी से किसान डरे हुए हैं। इसलिए चाहते हैं कि जल्द से जल्द उपज बिक जाए। पंजाब में इस साल 135 लाख टन जबकि हरियाणा में 95 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य है।

किसानों को हो रही है दिक्कत
जिन राज्यों में सरकारी खरीद में तेजी नहीं आयी है, वहां के किसान रोज मंडी का चक्कर काट रहे हैं। उन्हें लगता है कि सरकारी खरीद नहीं होगी तो तो फिर उन्हें बिचौलियों के पास गेहूं बेचना होगा। बिचौलिये उनसे 1500 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं ले रहे है। मतबल प्रति क्विंटल 300 रुपये का नुकसान। उन्हें यह भी लगता है कि यदि बारिश हुई तो फिर और दिक्कत होगी।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!