Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Dec, 2018 10:57 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के हाल में इस्तीफा देने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नियामक को कामकाजी स्वायत्ता होती है लेकिन वह ‘अलग-थलग’ रहकर काम नहीं कर सकता और उसे हर पक्ष के साथ चर्चा करनी होती है।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के हाल में इस्तीफा देने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नियामक को कामकाजी स्वायत्ता होती है लेकिन वह ‘अलग-थलग’ रहकर काम नहीं कर सकता और उसे हर पक्ष के साथ चर्चा करनी होती है।
आरबीआई अधिनियम की कभी इस्तेमाल नहीं की गई धारा-सात का जिक्र किए बिना जेटली ने कहा कि तरलता और ऋण के मुद्दे पर ‘‘सरकार ने आरबीआई के साथ बातचीत करने के लिए हर उपलब्ध साधन का उपयोग किया।’’ क्योंकि यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने दावा किया कि सरकार और आरबीआई के बीच संबंध कभी नहीं टूटे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी स्तरों पर मतभेदों को लेकर बैठकें नियमित तौर पर होती रही हैं।
एक चैनल के कार्यक्रम में जेटली ने कहा, ‘‘संस्थानों को स्वतंत्र होने की जरूरत है। उनके पास कामकाज करने की स्वायत्तता होनी चाहिए लेकिन संस्थान अलग-थलग रहकर काम नहीं कर सकते।’’ आरबीआई का नाम लिए बगैर जेटली ने कहा कि नियामकों को सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, कोई यह नहीं कह सकता कि धारणा बनाने से पहले उसने किताबों, आंकड़ों और शोध पत्रों का अध्ययन किया है। बाजार का माहौल पूरी तरह से अलग है और इस स्थिति को आप तब तक नहीं समझ सकते जब तक आप सभी हितधारकों से बातचीत नहीं करते। जेटली ने कहा, इस बात की पूरी संभावना है कि यदि कोई नियामक अकेले चलता है तो उससे गलती हो जाए।