Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Mar, 2020 02:53 PM
देश में 110 से अधिक निजी ट्रेनों के परिचालन की योजना के मद्देनजर शुक्रवार को राज्यसभा में इन ट्रेनों के लिए नियामक बनाए जाने की मांग की गई। द्रमुक सदस्य तिरूची शिवा ने शून्यकाल के दौरान यह मांग करते हुए कहा कि भारतीय रेल के निजीकरण की शुरूआत हो गई...
नई दिल्लीः देश में 110 से अधिक निजी ट्रेनों के परिचालन की योजना के मद्देनजर शुक्रवार को राज्यसभा में इन ट्रेनों के लिए नियामक बनाए जाने की मांग की गई। द्रमुक सदस्य तिरूची शिवा ने शून्यकाल के दौरान यह मांग करते हुए कहा कि भारतीय रेल के निजीकरण की शुरूआत हो गई है। अगले कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे की स्थिति सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया जैसी हो जाएगी और फिर इसका पूरा निजीकरण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल दुनिया का सबसे बड़ा एकल रेल नेटवर्क है लेकिन अब निजी ट्रेनों के परिचालन के माध्यम से इसका निजीकरण शुरू किया गया है।
निजी ट्रेनों का परिचालन करने वालों को भी सरकार ही वेतन भत्ता देगी जबकि परिचालन करने वाले इसका ऊंचा किराया तय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र का ट्रेन अमीरों के लिए और सरकारी ट्रेन गरीबों के लिए हो जाए क्योंकि निजी ट्रेनों का किराया बहुत अधिक है। इन ट्रेनों के परिचालन के लिए नियामक बनाए जाने की जरूरत है जो किराए के साथ ही सभी आवश्यक बातों पर ध्यान दे सके।