Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Jul, 2018 04:08 PM
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने आज कहा कि वैश्विक स्तर पर बेहतर गतिविधियों के अनुरूप मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) के असैन्य और वाणज्यिक परिचालन के लिए नियामकीय मसौदे को जल्द पेश करने की जरूरत है। उन्होंने यूएएस सेवाएं...
बिजनेस डेस्कः नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने आज कहा कि वैश्विक स्तर पर बेहतर गतिविधियों के अनुरूप मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) के असैन्य और वाणज्यिक परिचालन के लिए नियामकीय मसौदे को जल्द पेश करने की जरूरत है। उन्होंने यूएएस सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उभरते उद्यमियों को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
कांत ने कहा, ‘‘प्राथमिक रूप से यूएएस से कृषि, मत्स्यन, वन एवं सिंचाई क्षेत्रों को लाभ होगा। इन क्षेत्रों के लाभ के लिए स्टार्टअप द्वारा यूएएस सेवाओं को निश्चित रूप से प्रोत्साहन, लाभ एवं कर अवकाश के जरिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।’’ वह यूएएस के लिए ‘मेक इन इंडिया’ तथा यूएएस उद्योग को प्रोत्साहित करने के विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि यूएएस उद्योग में भारत को तेजी से आधुनिक रूप देने और विभिन्न क्षेत्रों की वृद्धि को गति देने की क्षमता है। यूएएस सेवाओं के लिये नियमन रूपरेखा पेश किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने सुझाव दिया, ‘‘वैश्विक स्तर पर बेहतर गतिविधियों के अनुरूप मानव रहित विमान प्रणाली के असैन्य और वाणज्यिक परिचालन के लिए नियामकीय मसौदे को जल्दी लाने की जरूरत है।’’ कांत ने देश में उद्योग को गति देने के लिए कुछ सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि देश में सशस्त्र बल यूएएस के लिये सबसे बड़ा उपभोक्ता हो सकते हैं और वे देश में यूएएस उद्योग के लिये बेहतर संभावना की पेशकश करते हैं। उन्होंने कहा कि अगले 15 साल में यूएएस के लिए भारतीय बाजार करीब 50 अरब डॉलर का होगा और भारत को सुरक्षा और बेहतर राजकाज को बढ़ावा देने तथा इस प्रौद्योगिकी की क्षमता के पूर्ण रूप से उपयोग को हकीकत रूप देने की जरूरत है।