MNP पर जियो की अपील खारिज, टेलीकॉम कंपनियों को लगेगी 120 करोड़ की चपत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 May, 2019 11:37 AM

rejects jio s appeal on mnp telecom companies will look for rs 120 crore sap

दिल्ली हाई कोर्ट ने पोर्टिंग फीस में लगभग 80 फीसदी की कटौती के टेलीकॉम रेगुलेटर के फैसले को खारिज करने वाले अपने आदेश के खिलाफ रिलायंस जियो की अर्जी को रिजेक्ट कर दिया। इससे मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस प्रोवाइडर

कोलकाताः दिल्ली हाई कोर्ट ने पोर्टिंग फीस में लगभग 80 फीसदी की कटौती के टेलीकॉम रेगुलेटर के फैसले को खारिज करने वाले अपने आदेश के खिलाफ रिलायंस जियो की अर्जी को रिजेक्ट कर दिया। इससे मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस प्रोवाइडर, सिनिवर्स टेक और एमएनपी इंटरकनेक्शन के लिए टेलीकॉम कंपनियों से 120 करोड़ रुपए के बकाए पर दावा करने का रास्ता खुल गया है। 

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1 अप्रैल को मुकेश अंबानी की कंपनी जियो ने दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से 8 अप्रैल को जारी आदेश के खिलाफ अपील की थी। अदालत ने उस आदेश के जरिए पोर्ट ट्रांजैक्शन चार्ज 19 रुपए से घटाकर 4 रुपए करने वाले टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Trai) के 15 महीने पुराने रेगुलेशन को खारिज कर दिया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्राई के उस रेगुलेशन को अवैध करार दिया था। 

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जियो ने अपनी अपील में कहा था कि मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस प्रोवाइडर्स (MNP) ने पोर्टिंग फीस से जुड़ी सूचनाओं को दबाया गया है। अगर उसके दावों को स्वीकार नहीं किया जाता है तो उससे थर्ड पार्टी (टेलीकॉम कंपनी) के हितों को नुकसान हो सकता है।' 

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सिनिवर्स टेक और एमएनपी इंटरकनेक्शन ने अदालत में जियो की दलील को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि वे इस बारे में जियो सहित सभी टेलीकॉम कंपनियों को इनवॉयस/संबंधित सूचनाओं के जरिए लगातार सूचित करती रही थीं कि ट्राई के रेगुलेशन के हिसाब से पोर्टिंग फीस घटाकर 4 रुपये किए जाने का मामला अदालत में विचाराधीन है। उसे चुनौती दी गई है और यह भविष्य में बढ़ सकती है। 

दिल्ली हाई कोर्ट ने 3 मई को आदेश जारी कर कहा था कि अदालती कार्यवाही से गलत तरीके से दूर रखे जाने की रिव्यू पिटीशनर (जियो) की शिकायत सही साबित नहीं हुई है। अदालत ने कहा कि इनवॉयस से साबित होता है कि एमएनपी सर्विस प्रोवाइडर्स ने टेलीकॉम कंपनियों को इस बारे में सूचित किया था कि 4 रुपए के पोर्ट ट्रांजैक्शन चार्ज को अदालत में चुनौती दी गई है। 

मुकदमे में आए आदेश का व्यापक प्रभाव होगा क्योंकि जियो की अपील खारिज होने से दोनों एमएनपी सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए टेलीकॉम कंपनियों से फरवरी 2018 से पोर्टिंग फीस के तौर पर लगभग 120 करोड़ रुपए रिकवर करने का रास्ता खुल जाएगा। 
 

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