रिलायंस कैप की बिकेंगी परिसंपत्तियां, कर्ज भुगतान में चूक होने के बाद उठाया यह कदम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Sep, 2020 03:00 PM

reliance cap will sell assets this step taken after default in debt payment

रिलायंस कैपिटल (आरसीएल) के ऋणदाताओं ने कंपनी की संपत्तियां बेचने के लिए एसबीआई कैप्स और जेएम फाइनैंशियल को नियुक्त किया है। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी द्वारा डिबेंचर धारकों तथा अन्य ऋणदाताओं के कर्ज भुगतान में चूक होने

मुंबईः रिलायंस कैपिटल (आरसीएल) के ऋणदाताओं ने कंपनी की संपत्तियां बेचने के लिए एसबीआई कैप्स और जेएम फाइनैंशियल को नियुक्त किया है। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी द्वारा डिबेंचर धारकों तथा अन्य ऋणदाताओं के कर्ज भुगतान में चूक होने के बाद ऋणदाताओं ने यह कदम उठाया है।

रिलायंस कैपिटल के कुल कर्ज में करीब 99 फीसदी डिबेंचरधारकों के हैं। उन्होंने कंपनी के कर्ज समाधान के लिए डिबेंचरधारकों की एक समिति गठित की है। रिलायंस कैपिटल पर कुल 19,860 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिनमें बैंकों और डिबेंचरधारकों का 31 अगस्त, 2020 तक का अर्जित ब्याज भी शामिल हैं। इनमें से डिबेंचरधारकों का करीब 15,000 करोड़ रुपए का बकाया है।

EPFO का RCL में करीब 2,500 करोड़ का निवेश 
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की अगुआई में डिबेंचरधारकों की समिति ने रिलायंस कैपिटल की संपत्तियों की बिक्री में तेजी लाने की कवायद की है। ईपीएफओ का रिलायंस कैपिटल में करीब 2,500 करोड़ रुपए का निवेश है। घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने कहा कि न्यासी विस्तारा द्वारा बोलीदाताओं के लिए इसी हफ्ते अभिरुचि पत्र जारी किए जाएंगे। इस बारे में जानकारी के लिए रिलायंस कैपिटल से संपर्क किया गया लेकिन उसके प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस में 49% हिस्सेदारी
रिलायंस कैपिटल की जिन प्रमुख संपत्तियों को बिक्री के लिए रखा गया है उनमें रिलायंस जनरल इंश्योरेंस में कंपनी की पूरी हिस्सेदारी और रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस में 49 फीसदी हिस्सेदारी शामिल हैं। इसके अलावा रिलायंस कैपिटल की रिलायंस सिक्योरिटीज में भी 100 फीसदी हिस्सेदारी है और रिलायंस ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी में उसकी 49 फीसदी हिस्सेदारी है। रिलायंस हेल्थ में कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा अन्य प्राइवेट इक्विटी एवं रियल एस्टेट संपत्तियों में भी इसका निवेश है। योजना के मुताबिक बोलीदाता रिलायंस कैपिटल की पूरी हिस्सेदारी के लिए या फिर किसी भी संपत्ति या बिक्री के लिए उपलब्ध कुछ संपत्तियों के लिए बोली लगा सकते हैं।

ऋण समाधान प्रक्रिया में जाने वाली रिलायंस कैपिटल अकेली कंपनी नहीं है। इस साल मार्च में रेटिंग फर्म केयर ने रिलायंस कैपिटल की सहायक इकाई रिलायंस होम फाइनैंस को डिफॉल्ट श्रेणी में रख दिया था।

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