रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 38 करोड़ डालर का अतिरिक्त जुर्माना

Edited By ,Updated: 18 Aug, 2016 04:37 PM

reliance industries petroleum

सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके भागीदारों पर कंपनी के पूर्वी अपतटीय क्षेत्र केजी-डी6 से लक्ष्य से कम गैस उत्पादन होने पर ...

नई दिल्ली: सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके भागीदारों पर कंपनी के पूर्वी अपतटीय क्षेत्र केजी-डी6 से लक्ष्य से कम गैस उत्पादन होने पर 38 करोड़ डालर करीब 2,500 करोड़ रपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है।

इसके साथ ही इस परियोजना क्षेत्र के विकसित पर खर्चों के दावे में कंपनी का कुल 2.76 अरब डालर का दावा नामंजूर किया जा चुका है। इसका अर्थ है कि कंपनी इस परियोजना के तेल-गैस की बिक्री में से अब इतनी राशि की वसूली नहीं कर सकती है।   कंपनी अप्रैल 2010 से लगातार पांच वित्तीय वर्षों में उत्पादन लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई है।

केजी-डी6 क्षेत्र के आवंटन के समय किये गये उत्पादन भागीदारी अनुबंध :पीएससी: में यह व्यवस्था है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी भागीदारी कंपनियां ब्रिटेन की बी.पी. पी.एल.सी. और कनाडा की नीको रिसोर्सिज तेल-गैस की खोज पर आये पूंजी और परिचालन खर्च को गैस की बिक्री से प्राप्त राशि से पूरा कर सकते हैं। उसके बाद ही वह मुनाफे को सरकार के साथ बांटेंगे।

कंपनी के खर्च के उपरोक्त दावे नामंजूर होने से खनिज तेल-गैस मुनाफे में सरकार की हिस्सेदारी बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2013-14 तक क्षेत्र में 2.376 अरब डालर की लागत को नामंजूर किया गया था जिसके परिणामस्वरूप सरकार की क्षेत्र के पेट्रोलियम मुनाफे में भागीदारी 19.53 करोड़ डालर बढ़ गई।

रिलायंस के केजी-डी6 के धीरभाई एक और तीन से गैस का उत्पादन 8 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन होना चाहिये था लेकिन 2011-12 में यह 3.35 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन, 2012-13 में 2.0 करोड़ घनमीटर, 2013-14 में 7 लाख  घनमीटर और उसके बाद 80 लाख घनमीटर प्रतिदिन के स्तर पर रहा। 

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