नहीं दिया BSF जवान की मौत पर क्लेम, अब रिलायंस जनरल इंश्योरैंस कम्पनी देगी हर्जाना

Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Apr, 2018 08:57 AM

reliance insurance company will pay compensation on death of bsf jawan

जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने एक याचिकाकर्ता पिता को राहत देते हुए उसके बेटे की बी.एस.एफ. के जवान के रूप में नौकरी करते हुए अचानक गोली लगने से होने वाली मौत पर रिलायंस इंश्योरैंस कम्पनी को मृतक की गु्रप इंश्योरैंस के रूप में हुई इंश्योरैंस पालिसी के...

गुरदासपुरः जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने एक याचिकाकर्ता पिता को राहत देते हुए उसके बेटे की बी.एस.एफ. के जवान के रूप में नौकरी करते हुए अचानक गोली लगने से होने वाली मौत पर रिलायंस इंश्योरैंस कम्पनी को मृतक की गु्रप इंश्योरैंस के रूप में हुई इंश्योरैंस पालिसी के पूरे क्लेम सहित 5000 रुपए हर्जाना, मुआवजा तथा 3000 रुपए अदालती खर्च 30 दिन में अदा करने का आदेश सुनाया।

क्या है मामला
याचिकाकर्ता कुन्नन लाल पुत्र शंकर दास निवासी सरकारी कालेज रोड ने बताया कि उसका बेटा रमन कुमार बी.एस.एफ. की 78 बटालियन में कांस्टेबल था। 6 दिसम्बर 2015 को ड्यूटी दौरान अचानक रमन कुमार की अपनी सर्विस राइफल से गोली लगने पर मौत हो गई। रमन कुमार का सैलरी अकाऊंट स्टेट बैंक आफ इंडिया गुरदासपुर में था। उसके बैंक खाते के आधार पर उसकी लाइफ इंश्योरैंस रिलायंस जनरल इंश्योरैंस कम्पनी से ली गई थी। रमन कुमार ने अपना वारिस उसे बनाया था, परन्तु इंश्योरैंस कम्पनी के पास जब क्लेम के लिए दावा दायर किया गया तो कम्पनी ने यह कह कर क्लेम देने से इंकार कर दिया कि पालिसी के अनुसार एक्सीडैंट में मौत होने पर ही पालिसी पर क्लेम मिल सकता है जबकि रमन कुमार की मौत एक्सीडैंट में न होकर उसने आत्महत्या की है। इंश्योरैंस कम्पनी ने फोरम के समक्ष यह प्रमाणित करने की कोशिश भी की कि रमन कुमार ने अपनी राइफल से आत्महत्या की है।

यह कहा फोरम ने 
दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फोरम के प्रधान नवीन पुरी ने अपना फैसला सुनाते हुए इंश्योरैंस कम्पनी को आदेश दिया कि जब इंश्योरैंस की गई थी, तब कहीं भी यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि आत्महत्या की स्थिति में इंश्योरैंस क्लेम नहीं मिलेगा। दूसरा पुलिस ने भी जो केस दर्ज किया है, उसमें भी मौत का कारण अचानक गोली चलना लिखा है। बी.एस.एफ. ने भी मृतक के सभी सर्विस लाभ जारी किए हैं इसलिए इंश्योरैंस कम्पनी मृतक रमन कुमार के पिता को इंश्योरैंस की पूरी राशि सहित 5000 रुपए हर्जाना तथा 3000 रुपए अदालती खर्च 30 दिन में अदा करे। यदि इंश्योरैंस कम्पनी आदेश का पालन नहीं करती तो उसे फैसले की तिथि से याचिकाकर्ता को पूरी राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करनी होगी।

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