Zee एंटरटेनमेंट में हिस्सा लेने की होड़ में रिलायंस जियो और सोनी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Feb, 2019 05:31 PM

reliance jio and sony competing in zee entertainment

एप्पल, रिलायंस जियो और सोनी कॉर्प सहित पांच टेक्नॉलजी-कम-एंटरटेनमेंट दिग्गजों को जी एंटरटेनमेंट में एक बड़ा हिस्सा खरीदने पर बातचीत के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि पिछले

मुंबईः एप्पल, रिलायंस जियो और सोनी कॉर्प सहित पांच टेक्नॉलजी-कम-एंटरटेनमेंट दिग्गजों को जी एंटरटेनमेंट में एक बड़ा हिस्सा खरीदने पर बातचीत के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि पिछले 10 दिनों में यह लिस्ट बनाई गई है। इससे पहले इन कंपनियों ने नॉन-बाइंडिंग बिड्स दी थी। 

दौड़ में ये कंपनियां
एनबीसी यूनिवर्सल की मालिक अमेरिकी कंपनी कॉमकास्ट और कॉमकास्ट के पूर्व सीएफओ माइकेल एंजेलाकिस की अगुवाई वाली 4 अरब डॉलर की इन्वेस्टमेंट कंपनी एटेयरॉस भी इस होड़ में हैं। वे मिलकर एक समूह बना सकती हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज इस होड़ में एकमात्र भारतीय कंपनी है। शुरू में संभावना जताई जा रही थी कि चाइनीज कंपनियां टेनसेंट और अलीबाबा भी दमदार दावेदार होंगी, लेकिन अभी उन्होंने कोई ऑफर नहीं दिया है। 

अधिकारी ने दी जानकारी
इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया, 'ड्यू डिलिजेंस चल रहा है। अधिकांश बातचीत और मैनेजमेंट मीटिंग्स विदेश में हो रही हैं। कुछ से बातचीत में ज्यादा गंभीरता है। बाकी अभी इंतजार कर रहे हैं और मामले पर नजर बनाए हुए हैं।' उन्होंने कहा, 'अप्रैल की डेडलाइन के अनुसार काम चल रहा है।' उसके बाद बाइंडिंग ऑफर देने होंगे। 

जी के प्रवक्ता ने कहा कि वह अटकलों पर कॉमेंट नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, 'जैसा कि आधिकारिक बयान में बताया गया था, जी एंटरटेनमेंट में स्टेक सेल की प्रक्रिया चल रही है। अभी अतिरिक्त विवरण नहीं दिए जा सकते हैं।' एटेयरॉस, ऐपल, सोनी कॉर्प और रिलायंस ग्रुप को भेजी गई मेल्स का जवाब नहीं आया। 

जी मैनेजमेंट का मानना है कि विदेशी बायर को एंटरटेनमेंट और मीडिया कंपनियों में 100 प्रतिशत हिस्सा खरीदने की इजाजत तो है, लेकिन उसे भारत के जटिल और कई भाषाओं वाले बाजार में कारोबार बढ़ाने के लिए एक लोकल पार्टनर और मैनेजमेंट टीम की जरूरत होगी। 

कंपनी पर पड़ा असर
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि सुभाष चंद्रा की अगुवाई में उसे प्रमोटर किसी स्ट्रैटिजिक पार्टनर को अपने स्टेक का 50 प्रतिशत तक हिस्सा बेचने की योजना बना रहे हैं ताकि बैलेंस शीट से कर्ज घटाया जा सके। उसके बाद मैनेजमेंट ने संकेत दिया कि वे कंपनी में अपनी होल्डिंग्स का 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा बेचने को तैयार हैं। 

जी के शेयर सालभर में 23 प्रतिशत गिर चुके हैं। इससे सुभाष चंद्रा की मोलतोल करने की क्षमता पर असर पड़ा है। करेंट मार्केट कैप 41,924.36 करोड़ रुपये है। कंपनी में देसी और विदेशी इकाइयों के जरिए प्रमोटरों की हिस्सेदारी 41.26 प्रतिशत है। देसी इकाइयों के जरिए रखी गई प्रमोटर होल्डिंग का करीब 84.5 प्रतिशत हिस्सा बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के पास गिरवी है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!