Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Feb, 2021 12:26 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपए के सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का मंगलवार को निर्देश दिया। इस सौदे पर अमेरिका की ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन ने आपत्ति जताई है।
बिजनेस डेस्कः दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपए के सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का मंगलवार को निर्देश दिया। इस सौदे पर अमेरिका की ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन ने आपत्ति जताई है। जस्टिस जेआर मिधा ने कहा कि अमेजन के अधिकारों की रक्षा के लिये तत्काल अंतरिम आदेश पारित करने की जरूरत है।
अमेजन ने इस सौदे पर सिंगापुर के आपातकालीन पंचाट मंच के अंतरिम आदेश को लागू कराने के लिये उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। पंचाट ने फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपए के सौदे पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने लगातार चार दिनों तक इस मामले की सुनवाई करने के बाद मुख्य याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा। न्यायालय ने अन्य सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन मामलों के संबंध में यथास्थिति बनाये रखें, जो सिंगापुर के पंचाट के आदेश के विपरीत हैं।
न्यायालय ने इन अधिकारियों को वर्तमान स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया। उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश सुनाते हुए कहा, प्रथमदृष्टया पाया गया कि आपातकालीन पंचाट मध्यस्थ निर्णय का एक मंच है और उसने एफआरएल के खिलाफ सही तरीके से कार्रवाई की है। अदालत ने कहा, यह स्पष्ट था कि आपातकालीन मध्यस्थ के 25 अक्टूबर 2020 के आदेश पंचाट व सुलह अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत लागू करने योग्य है और उनके खिलाफ अपील भी की जा सकती है।
उच्च न्यायालय ने एफआरएल को निर्देश दिया कि वह 25 अक्टूबर 2020 से अब तक रिलायंस के साथ समझौते के संबंध में उसके द्वारा उठाये गये कदमों और कार्यों के बारे में एक हलफनामा दायर करे। उच्च न्यायालय ने इससे पहले अमेजन की याचिका पर एफआरएल, फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल), बियानियों व अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया था और याचिका पर जवाब मांगा था।