Edited By vasudha,Updated: 13 Aug, 2020 04:29 PM
अगर आपने हाल ही में BS-IV वाहन खरीदें हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक बिकी BS-4 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी है। यानी की अगर आप किसी करणवश अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए थे तो अब आपके पास मौका है...
बिजनेस डेस्क: अगर आपने हाल ही में BS-IV वाहन खरीदें हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक बिकी BS-4 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी है। यानी की अगर आप किसी करणवश अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए थे तो अब आपके पास मौका है।
सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को कहा कि उन BS-IV वाहनों को रजिस्ट्रेशन करवाने की इजाजत दी जा रही है, जिन्हें लॉकडाउन से पहले बेचा गया था और E वाहन पोर्टल पर अपलोड किया गया था। हालांकि लॉकडाउन के बाद बेचे गए BS-IV वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक बरकरार रहेगी।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि जो गाड़ियां लॉकडाउन से पहले बेची गई हैं और ई वाहन पोर्टल में रजिस्टडर्ड हैं। उन्हीं का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है, लेकिन यह नियम दिल्ली-NCR में लागू नहीं होगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान BS-IV वाहनों की बिक्री को लेकर सवाल खड़े किए थे. कोर्ट ने कहा था कि मार्च के आखिरी हफ्ते में सामान्य से ज्यादा वाहन बिके, जबकि इस दौरान लॉकडाउन था।
क्या है BS वाहन का मतलब?
जब भी गाड़ी की बात होती है तो उससे जुड़े एक नाम 'BS' का भी जिक्र होता है। दरअसल, बीएस का मतलब भारत स्टेज से है। यह एक ऐसा मानक है जिससे भारत में गाड़ियों के इंजन से फैलने वाले प्रदूषण को मापा जाता है। इस मानक को भारत सरकार ने तय किया है। वहीं बीएस के आगे नंबर (बीएस-3, बीएस-4, बीएस-5 या बीएस-6) भी लगता है। बीएस के आगे नंबर के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर मानक, जो पर्यावरण के लिए सही हैं। आसान भाषा में समझें तो बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर लिखा होता है उस गाड़ी से उतने ही कम प्रदूषण होने की संभावना होती है।