Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Feb, 2019 03:08 PM
सरकार पीएफ की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने जा रही है और पीएफ की ब्याज दरें 8.55% ही रह सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो इससे देश के 6 करोड़ पीएफ अंशधारकों को फायदा मिलेगा।
नई दिल्लीः सरकार पीएफ की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने जा रही है और पीएफ की ब्याज दरें 8.55% ही रह सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो इससे देश के 6 करोड़ पीएफ अंशधारकों को फायदा मिलेगा। बता दें कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) की आगामी गुरुवार को एक बैठक होने जा रही है। इस बैठक में अंशधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर दोगुनी की जा सकती है। यदि बैठक में इस बात पर सहमति बन जाती है तो इससे ईपीएफओ की पेंशन स्कीम के करीब 50 लाख अंशधारकों को फायदा मिलेगा।
एक खबर के अनुसार, सीबीटी के सदस्य प्रभाकर बानासुरे का कहना है कि गुरुवार को सीबीटी की बैठक से पहले FIAC (Fianace, investment and audit committee) की भी बैठक होनी है। इस बैठक में साफ हो जाएगा कि पीएफ पर ब्याज दर कितनी रहेगी? हालांकि हमें उम्मीद है कि इनमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और यह मौजूदा दर 8.55% ही रहेगी। बता दें कि सीबीटी एक त्रिपक्षीय निकाय है, जिसमें सरकार, कर्मचारी और श्रम मंत्रालय की ट्रेड यूनियनों के प्रमुख शामिल रहते हैं। ईपीएफओ में सभी अहम फैसले सीबीटी द्वारा ही लिए जाते हैं।
इससे पहले बीते माह मिंट ने अपनी एक रिपोर्ट में पीएफ की ब्याज दर बढ़ने की संभावना जतायी थी। हालांकि अब ब्याज दर में कोई बदलाव ना होने के बावजूद पीएफ साल 2019 में सरकार की सबसे ज्यादा ब्याज देने वाली स्कीम बनी रहेगी। अन्य सरकारी बचत योजनाओं पर ब्याज दर 8.55% से कम है। माना जा रहा है कि सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए भी ब्याज दर में कटौती नहीं कर रही है, ताकि सैलरी पाने वाले मध्य वर्ग को खुश किया जा सके। बीते दिनों ईपीएफओ ने स्टॉक एक्सचेंज में भी 50,000 करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम का निवेश किया था। रिजर्व बैंक ने भी बीती 7 फरवरी ब्याज दरों में कटौती की है। इसके पीछे वजह बतायी गई है कि मुद्रास्फिति के दबाव को कम करने और विश्व भर में गिरती विकास दर के प्रभाव से निपटने के उद्देश्य से यह कटौती की गई है।