रियल्टी क्षेत्र में संकट की वजह रेरा कानून नहींः हरदीप सिंह पुरी

Edited By Supreet Kaur,Updated: 02 May, 2018 10:57 AM

rera is not the cause of troubles in realty sector

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्वीकार किया है कि रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए नियामकीय कानून रेरा को लागू किए जाने के बावजूद उसके सामने अब भी कई चुनौतिया हैं। लेकिन इस कानून ने कई समस्याओं को बड़े पैमाने पर दूर करने का काम...

नई दिल्लीः केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्वीकार किया है कि रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए नियामकीय कानून रेरा को लागू किए जाने के बावजूद उसके सामने अब भी कई चुनौतिया हैं। लेकिन इस कानून ने कई समस्याओं को बड़े पैमाने पर दूर करने का काम किया है।

महारेरा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में पुरी ने कहा, ‘यह बात सही है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में अभी भी समस्याएं हैं लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि यह रेरा की वजह से हैं। बल्कि वास्तव में देखा जाए तो हमारे पास पिछले 70 साल से इस क्षेत्र के लिए कोई स्वतंत्र नियामक ही नहीं था।’’ उन्होंने कहा कि कृषि के बाद रोजगार देने वाला यह दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। इसलिए इस क्षेत्र और इसकी चिंताओं पर और अधिक ध्यान देने की जरुरत है। लोग अब ना केवल रेरा के गुणों और महत्व पर चर्चा कर रहे हैं बल्कि यह भी समझ रहे हैं कि बिना नियामक कोई काम नहीं चल सकता है।
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पुरी ने कहा, ‘‘कानून के प्रावधान स्पष्ट हैं। लेकिन यदि कोई कहता है कि उसे कुछ समस्या है तो उसके पास अधिकार है और हम उस मसले का समाधान करेंगे। लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह सिर्फ रेरा की वजह से लंबित पड़ा है।’’ प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में पुरी ने कहा कि योजना के तहत केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय दिसंबर, 2018 तक एक करोड़ ग्रामीण आवासों का निर्माण कर लेगा। इसी प्रकार 2022 तक 1.1 करोड़ शहरी आवासों की कमी का आकलन किया गया है। मार्च के अंत तक 45 लाख मकानों का आवंटन किया जा चुका है।      

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