Edited By ,Updated: 01 May, 2017 01:04 PM
डेवलपरों को उम्मीद है कि एक मई से रियल एस्टेट कानून लागू होने से मकानों की मांग में तेजी आएगी क्योंकि यह कानून खरीददारों को बेईमान कंपनियों से बचाएगा जबकि दाम बड़ी संख्या मेें
नई दिल्लीः डेवलपरों को उम्मीद है कि एक मई से रियल एस्टेट कानून लागू होने से मकानों की मांग में तेजी आएगी क्योंकि यह कानून खरीददारों को बेईमान कंपनियों से बचाएगा जबकि दाम बड़ी संख्या मेें बने हुए मकानों के अबतक नहीं बिकने की वजह से स्थिर बने रहेंगे।
रियल एस्टेट डेवलपरों के 2 बड़े शीर्ष निकाय- क्रेडाई और नारेडको महसूस करते हैं कि इस कानून के लागू होने से भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के कामकाज के तौर तरीकों में एक बड़ा बदलाव आएगा, हालांकि उन्हें उसमें प्रारंभिक कठिनाइयां नजर आती हैं। ये दोनों संगठन चाहते थे कि सरकार वर्तमान परियोजनाओं को रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 के दायरे से दूर रखे लेकिन उनका सुझाव इस कानून में शामिल नहीं किया गया। पिछले साल यह कानून संसद से पारित हुआ था।
नारेडको के अध्यक्ष राजीव तलवार ने कहा, ‘‘यह रियल एस्टेट के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव है। इससे उन खरीददारों का बचाव होगा जो पहले ही फ्लैट खरीद चुके हैं। रेरा के तहत नियामक को वर्तमान परियोजनाओं को पूरा करने में मदद पहुंचाने तथा मकान खरीददारों को राहत पहुंचाने के तौर तरीके ढूढना चाहिए।’’ क्रेडाई अध्यक्ष जे शाह ने कहा कि रेरा से इस क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी और घरेलू एवं विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।