पूर्वोत्तर के 6 राज्यों में लागू होगा रेरा, केंद्र सरकार भेजेगा विशेष टीम

Edited By Supreet Kaur,Updated: 22 Oct, 2018 10:53 AM

rera will be applicable in 6 states of north east

पूर्वोत्तर के छह राज्यों में रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार इस सप्ताह के अंत तक इन राज्यों में विशेष टीम भेजेगी। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि...

नई दिल्लीः पूर्वोत्तर के छह राज्यों में रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार इस सप्ताह के अंत तक इन राज्यों में विशेष टीम भेजेगी। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि छह पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम शामिल हैं। इन राज्यों ने जमीन और अन्य मुद्दों की वजह से रेरा कानून और उसके नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया है।

संसद द्वारा पारित यह कानून घर खरीदारों को उचित सुरक्षा प्रदान करता है और राज्यों को इससे जुड़े नियमों को अधिसूचित करने और इसके लिए नियामकीय प्राधिकरण स्थापित करने का अधिकार देता है। अधिकारी ने कहा, रेरा के क्रियान्वयन के संबंध में कुछ भूमि से जुड़े मुद्दे हैं, यही कारण है कि पूर्वोत्तर के छह राज्यों ने इस अधिनियम को अधिसूचित नहीं किया है। इन दिक्कतों को दूर करने के लिए मंत्रालय 26 अक्टूबर को इन राज्यों में विशेष टीम भेजेगा। अधिकारी के मुताबिक, यह टीम इन छह राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी और रेरा कानून के क्रियान्वयन से जुड़ी उनकी चिंताओं का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 13 राज्यों ने रेरा कानून के तहत स्थायी नियामक नियुक्त किया है जबकि 14 राज्यों में अंतरिम नियामक है। रेरा के तहत 22 राज्यों में रेरा वेब पोर्टल काम कर रहा है।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अपना खुद का रियल एस्टेट कानून लागू किए जाने के मुद्दे पर आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शेकर मिश्र ने हाल ही में राज्य सरकार को पत्र लिखा है। इसमें राज्य सरकार से उसके आवास एवं औद्योगिक नियमन कानून 2017 को निरस्त करने के लिए कहा गया है क्योंकि इस विषय पर केन्द्रीय कानून पहले से है। पश्चिम बंगाल के रियल एस्टेट कानून के तहत पहले ही 60 डेवलपर्स के पंजीकृत होने के बारे में पूछे जाने पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि ‘‘वह पंजीकृत कर सकते हैं, लेकिन यदि आपने गलत कानून पारित किया है और यह वैध नहीं पाया जाता है तो मैं इससे आगे नहीं जाता चाहता हूं।’’     
 

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