चालू वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक यथावत रख सकता है रेपो दर: रिपोर्ट

Edited By Isha,Updated: 13 Nov, 2018 04:49 PM

reserve bank can maintain repo rate in the current financial year report

रिजर्व बैंक इस वित्त वर्ष के शेष महीनों में रेपो दर को मौजूदा स्तर पर ही रख सकता है। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति दर के अनुकूल बने रहने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है, इस स्थिति में केन्द्रीय बैंक रेपो दर को मौजूदा 6.5 प्रतिशत पर ही...

मुंबईः रिजर्व बैंक इस वित्त वर्ष के शेष महीनों में रेपो दर को मौजूदा स्तर पर ही रख सकता है। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति दर के अनुकूल बने रहने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है, इस स्थिति में केन्द्रीय बैंक रेपो दर को मौजूदा 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रख सकता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति एक साल के निम्न स्तर 3.31 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले महीने सितंबर में यह 3.7 प्रतिशत और एक साल पहले अक्टूबर में 3.58 प्रतिशत पर थी।

अक्टूबर माह के खुदरा मुद्रास्फीति आंकड़े पिछले साल सितंबर के बाद से सबसे कम हैं। सितंबर 2017 में खुदरा मुद्रास्फीति 3.28 प्रतिशत रही थी।  कोटक इकोनोमिक रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का मुख्य मुद्रास्फीति पर काफी गहराई से ध्यान है। मुद्रास्फीति के इस वित्त वर्ष के शेष महीनों में निम्न स्तर पर बने रहने का अनुमान है। इसे देखते हुये वर्ष के बाकी बचे महीनों में रेपो दर में वृद्धि की उम्मीद नहीं दिखाई देती। उम्मीद की जा रही है कि मुख्य मुद्रास्फीति आने वाले महीनों में 2.8 से 4.3 प्रतिशतके दायरे में बनी रहेगी।

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय बैंक ने अक्टूबर 2018 की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था। इससे पहले लगातार दो बार की समीक्षा में इसमें हर बार 0.25 प्रतिशत वृद्धि कर इसे 6.5 प्रतिशत पर पहुंचा दिया गया। वर्तमान में रेपो दर इसी स्तर पर है। जून और अगस्त में की गई मौद्रिक नीति की समीक्षा में दोनों बार इसमें 0.25 प्रतिशत वृद्धि की गई रिपोर्ट में हालांकि यह कहा गया है कि मुद्रास्फीति पर नजर रखनी होगी। फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि का असर उपभोक्ता जिंसों पर पडऩे, कच्चे तेल के दाम में तेजी आने और वैश्विक वित्तीय बाजारों के उतार चढ़ाव को ध्यान में रखने की जरूरत है। सरकार के वित्तीय घाटे के लक्ष्य से चूकने और रुपये की विनिमय दर में गिरावट का प्रभाव भी मुद्रास्फीति को कितना प्रभावित कर सकता है यह देखना होगा। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!