Edited By Isha,Updated: 10 Jan, 2019 10:30 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को स्वर्ण मौद्रिकरण योजना (जीएमएस) को आकर्षक बनाने के लिये कुछ बदलाव कुछ बदलाव किए। बैंक ने इसमें परमार्थ सेवाएं देने वाले संस्थानों और केंद्र सरकार
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को स्वर्ण मौद्रिकरण योजना (जीएमएस) को आकर्षक बनाने के लिये कुछ बदलाव कुछ बदलाव किए। बैंक ने इसमें परमार्थ सेवाएं देने वाले संस्थानों और केंद्र सरकार समेत अन्य को भी शामिल किया है।
आरबीआई ने अधिसूचना में कहा कि इस योजना का लाभ अब धर्मादा संस्थाएं, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र सरकार व राज्य सरकार के स्वामित्व वाली इकाइयां भी उठा सकती है। पहले यह यह योजना व्यक्तिगत एवं संयुक्त जमाकर्ताओं के लिए खुली थी।
यह योजना बैंकों के ग्राहकों को निष्क्रिय पड़े सोने को निश्चित अवधि के लिये जमा करने की अनुमति देता है। इस पर उसे 2.25 से 2.50 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। सरकार ने 2015 में यह योजना शुरू की थी। इसका मकसद घरों तथा संस्थानों में रखे सोने बाहर लाना और उसका अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर उपयोग करना है।