RBI ने नहीं दिया नए साल का तोहफा, अगले साल तक करना होगा इंतजार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 03:03 PM

reserve bank of india monetary policy did not change repo rate

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की दो दिवसीय बैठक में आज रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 6 प्रतिशत पर जबकि रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। यह...

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की दो दिवसीय बैठक ने आज रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 6 प्रतिशत पर जबकि रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। यह इस वर्ष की आखिरी एम.पी.सी. बैठक है। बैंक के इस कदम से सस्‍ते कर्ज का इंतजार और लंबा हो गया है। सबकी निगाहें अब फरवरी में होने वाली बैठक पर टिक गई हैं।

नीतिगत दरों में बदलाव न करने की वजह
रिजर्व बैंक ने मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी यानि एम.एस.एफ. दर को 6.25 फीसदी पर बरकररार रखा है। साथ ही जीवीए ग्रोथ का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक के मुताबिक दूसरी छमाही में रिटेल महंगाई दर 4.2-4.6 फीसदी रहने का अनुमान है। रिजर्व बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि महंगाई को 4 फीसदी के दायरे में रखने और ग्रोथ को सपोर्ट करने के लक्ष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए नीतिगत दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला किया गया है।

पिछली बैठक में नहीं किया था कोई बदलाव
अपनी पिछली बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। रेपो रेट को 6 प्रतिशत पर जबकि रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया था। बता दें कि अगस्त में भी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट को 6.25 से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था जबकि रिवर्स रेपो रेट को 6 प्रतिशत से 5.75 प्रतिशत कर दिया था।

समिति में ये सदस्य हैं शामिल  
मौद्रिक नीति समिति में सरकार द्वारा नामित सदस्यों में चेतन घाटे, पामी दुआ, रवीन्द्र एच ढोलकिया शामिल हैं। वहीं रिजर्व बैंक की तरफ से गवर्नर उर्जित पटेल, मौद्रिक नीति प्रभारी डिप्टी गवर्नर विरल.ए. आचार्य और बैंक के कार्यकारी निदेशक मिशेल डी पात्रा इसके सदस्य हैं।

क्या होती है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे।

रिवर्स रेपो रेट
यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।    

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!