Edited By Isha,Updated: 25 Nov, 2018 03:48 PM
भारतीय रिजर्व बैंक के चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में नीतिगत दरों में किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है। सिंगापुर के बैंक डीबीएस की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक के मार्च, 2019 तक नीतिगत
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक के चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में नीतिगत दरों में किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है। सिंगापुर के बैंक डीबीएस की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक के मार्च, 2019 तक नीतिगत दरों में बदलाव की संभावना नहीं लगती है। इसमें मुद्रास्फीति बढऩे पर वित्त वर्ष 2019-20 में सोची समझी रणनीति के तहत वृद्धि की जा सकती है।
ब्याज दरों पर फैसला कच्चे तेल की कीमतों की दिशा और मुद्रा के रुख पर निर्भर करता है। डीबीएस बैंक के अर्थशास्त्री इसे ‘वाइल्ड कार्ड’ कहते हैं। अक्तूबर में खुदरा मुद्रास्फीति आश्चर्यजनक रूप से घटकर 3.31 प्रतिशत पर आ गई। बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.4 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है।
बैंक के नोट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत तक जा सकती है जिससे रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा। केंद्रीय बैंक के नोट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति उसके तय लक्ष्य से नीचे है ऐसे में रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने की गुंजाइश है।